Delhi News: मुंडका फैक्ट्री में लगी आग के बाद दिल्ली में चल रही अन्य फैक्ट्रियों को लेकर CTI ने जताई चिंता
Delhi Fire Mundka: कई बार छोटी फैक्ट्री यूनिटों को फायर एनओसी लेने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सीटीआई दिल्ली में चल रही ऐसी तमाम फैक्टरियों को लेकर एसोसिएशन से चर्चा करेगी.
Delhi Fire NOC: दिल्ली मुंडका स्टेशन के 4 मंजिला इमारत में चल रही फैक्ट्री में लगी आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई थी. वहीं एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए और 30 से ज्यादा लोग अभी भी इस हादसे में लापता बताए जा रहे हैं. यह भयानक हादसा बिल्डिंग में आग लगने से हुआ था.
फायर सेफ्टी नॉर्म्स का पालन नहीं किया
बिल्डिंग में फायर सेफ्टी नॉर्म्स का पालन नहीं किया हुआ था. जबकि बिल्डिंग में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी काम करते थे. ऐसे में इस हादसे को लेकर चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने दिल्ली में चल रही उन तमाम फैक्ट्रियों को लेकर चिंता जाहिर की है. जिसमें फायर सेफ्टी नॉर्म्स का पालन नहीं हो रहा है, या फिर कई बार छोटी फैक्ट्री यूनिटों को फायर एनओसी लेने के लिए कई जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सीटीआई जल्द ही दिल्ली में चल रही ऐसी तमाम फैक्टरियों को लेकर एसोसिएशन से चर्चा करेगी, जिसमें की फैक्ट्री मालिकों के साथ फायर डिपार्टमेंट से मुलाकात कर फायर सेफ्टी के इंतजाम करवाए जाएंगे.
फैक्ट्री में लगी आग बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण- सीटीआई चेयरमैन
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और महासचिव विष्णु भार्गव का कहना है कि मुंडका की फैक्ट्री में लगी आग बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इस भयावह हादसे के बाद दिल्ली की उन तमाम फैक्ट्री और व्यापारियों के लिए चिंता बढ़ गई है, जहां पर फायर सेफ्टी नॉर्म्स का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि गर्मियों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में इसको लेकर बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है. सीटीआई महासचिव रमेश आहूजा और उपाध्यक्ष संदीप भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में बहुत सी फैक्ट्रियों में फायर डिपार्टमेंट की एनओसी नहीं होती, जोकि बहुत जरूरी है. विशेषकर छोटी फैक्ट्री यूनिटों में फायर NOC एक बहुत बड़ी समस्या है.
दमकल के अधिकारियों के साथ चर्चा होगी
उन्होंने बताया कि दमकल विभाग से फायर एनओसी लेने में कई तरह की कठिनाइयों और तामझाम की शिकायत फैक्ट्री मालिकों की ओर से की जाती है. जिसके कारण फैक्ट्री मालिक फायर एनओसी नहीं ले पाते और ना ही विभाग उन्हें एनओसी देता है. जिसके बाद सीटीआई दिल्ली के सभी फैक्ट्री मालिकों के साथ एक मीटिंग करेगा जिसमें फायर एनओसी और उसके नियमों को लेकर चर्चा की जाएगी. इस मीटिंग में दमकल विभाग के अधिकारियों के साथ भी चर्चा होगी, जिससे की एनओसी लेने के लिए जिन नियमों में परेशानी आती है उन पर भी समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी. जिससे की सभी फैक्ट्री मालिकों को आसानी से फायर एनओसी मिल सके.
फैक्ट्री मालिक एनओसी लेने में कतराते हैं
चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री का कहना है कि यदि किन्हीं कारणों से फायर एनओसी लेने में अड़चन पैदा होती है, तो इसका समाधान निकाला जाएगा. क्योंकि कई बार फैक्ट्री मालिक एनओसी के लिए अप्लाई कर देते हैं, जिसमें काफी देरी हो जाती है. वहीं एनओसी का रिन्युअल भी समय पर नहीं हो पाता. कई तरह के नियम और अड़चनों की वजह से फैक्ट्री मालिक एनओसी लेने में कतराते भी हैं, जोकि ठीक नहीं है. यह जान और माल दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है, फैक्ट्री मालिकों और प्रमुख व्यापारी नेताओं के साथ मीटिंग में वास्तविक समस्याओं पर चर्चा करेंगे.
ड्राफ्ट तैयार होगा
बृजेश गोयल ने बताया कि इसको लेकर दिल्ली सरकार किस तरह से सपोर्ट कर सकती है, उस पर ड्राफ्ट तैयार करेंगे. आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली सरकार के फायर एवं गृहमंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट से भी संपर्क करेंगे. यदि किसी इंडस्ट्रियल एरिया और बाजार में फायर टेंडर तैनात करना होगा, तो उसकी भी गुहार लगाएंगे, दिल्ली में कई बाजार संकरी गलियों में हैं, यहां आपात स्थिति में पहुंचना चुनौतीपूर्ण होता है. लिहाजा भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने होंगे.