दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस की एंटी गैंग स्क्वाड (AGS) ने पिछले महीने तेलांगना के हैदराबाद स्थित एकज्वेलरी शॉप में दिन-दहाड़े फायरिंग कर वहां से करोड़ों रुपये का सोना और कैश लूट के मामले में शामिल रहे नंदू गैंग के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान, संदीप उर्फ मनीष के रूप में हुई है. ये हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है. इसके कब्जे से चोरी की बाइक बरामद की गई है.


फायरिंग कर सोना और कैश लूटा


स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव के अनुसार, इस पर पहले से रॉबरी, एक्सटॉर्शन और आर्म्स एक्ट जैसे आधे दर्जन मामले दर्ज हैं. तीन मामलों में इसके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट भी जारी किया गया है. इसने अपने साथियों शुभम उर्फ मानिया और सुमित डागर के साथ मिल कर हैदराबाद के चैतन्यपुरी वाई स्थित महादेव ज्वेलर्स में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दिन-दहाड़े करीब 4 किलो सोना और कैश लूट की वारदात को अंजाम दिया था. लूट के दौरान फायरिंग से शॉप में मौजूद दो दुकानदार घायल हो गए थे.


हैदराबाद पुलिस की जांच में सामने आया नाम


इस मामले में स्थानीय पुलिस ने जांच के दौरान लूट की साजिश रचने वाले एक स्थानीय आरोपी को दबोच लिया था. जिससे पूछताछ में मुख्य आरोपियों संदीप उर्फ मनीष, सुमित और मानिया का सामने आने पर तेलंगाना पुलिस दिल्ली पहुंची. तेलंगाना पुलिल ने क्राइम ब्रांच पुलिस के साथ मिल कर आरोपियों की तलाश में कई जगह छापे मारे, लेकिन उनका पता लगाने में असफल रही. तेलांगना पुलिस के वापस लौटने के बाद क्राइम ब्रांच एजीएस के एसीपी नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और गुलशन के नेतृत्व में एसआई सचिन गुलिया, एएसआई कुलदीप, हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र, दीपक, धर्मराज, पप्पू, मिंटू और श्याम सुंदर की टीम का गठन किया गया था.


सूत्रों से मिली थी आरोपी के मूवमेंट की सूचना


पुलिस टीम सूत्रों को सक्रिय कर उनके बारे में जानकारियों को विकसित करने में लगी थी. आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और उन्हें गुप्त सूत्रों से आरोपी के मूवमेंट की खास सूचना प्राप्त हुई. जिस पर पुलिस ने छावला ड्रेन के पास ट्रैप लगा कर, बाइक से वहां पहुंचे आरोपी संदीप उर्फ मनीष को दबोच लिया. जांच में बाइक के रणहौला थाना इलाके से चोरी किए जाने का पता चला. बाइक को उसने अपने साथी सुमित डागर के साथ मिल कर किसी वारदात को अंजाम देने की नीयत से चुराया था.


बड़ा हाथ मारने के लिए बनाई तेलंगाना में ज्वेलरी शॉप से लूट की योजना


पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 2018 में वो कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग के सहयोगी परमवीर गुलिया के संपर्क में आया था. उसने पहली बार उसके लिए गन पॉइंट पर कार लूट की थी, और फिर उसने विकासपुरी इलाके में एक के बाद एक लूट की वारदातों को अंजाम दिया. साल 2019 में उसने अपने साथी के साथ मिल कर तरुण यादव नाम के शख्स पर फायरिंग कर एक करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी. आगे उसने बताया कि जेल में उसकी मुलाकात सुमित डागर से हुई थी, और जब वो जेल से बाहर निकला तो सुमित ने उसकी पहचान, शुभम उर्फ मानिया से करवाई. जिन्होंने मिल कर बड़ी लूट की योजना बनाई. जिसके लिए सुमित डागर ने शुभम उर्फ मानिया को राजस्थान के रहने वाले महेंद्र नाम के शख्स से करवाई.


कई सप्ताह की रेकी के बाद दिया लूट को अंजाम


महेंद्र ने उन्हें तेलंगाना में ज्वेलरी शॉप से लूट का आइडिया दिया. महेंद्र ने इसके लिए तेलंगाना में कई सप्ताह तक रेकी की और फिर प्लान के अनुसार उसने संदीप उर्फ मनीष, सुमित डागर और शुभम उर्फ मानिया को बुलाया. आरोपी अपने साथियों के साथ दुकान में घुसा और अंदर से शटर बंद करने के बाद वहां पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें वहां मौजूद दोनो दुकानदार जख्मी हो गए और फिर वो वहां से सोना और कैश वाला बैग लेकर फरार हो गए थे. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच के जुट गई है.


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