Delhi News: दिल्ली पुलिस हमेशा सबके साथ होने का दावा करती है, लेकिन  संसद मार्ग थाना पुलिस की बर्बरता से संबंधित एक मामला सामने आने के बाद भी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दरअसल, नई दिल्ली जिले की पुलिस ने कथित तौर पर 13 और 15 साल के दो नाबालिगों और एक महिला को आश्रय गृह 'रैन बसेरा' से उठाया और संसद मार्ग (संसद मार्ग) पुलिस स्टेशन ले गई. वहां पर पुलिस ने नाबालिगों और महिला को अमानवीय स्तर तक जाकर मारपीट की. पीड़ित पक्ष ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि बंगला साहिब गुरुद्वारे के पास आश्रय गृह और संसद मार्ग पुलिस स्टेशन दोनों में पुलिसकर्मियों ने उनका शारीरिक उत्पीड़न किया. शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्हें लाठियों से पीटा गया, चेहरे पर थप्पड़ मारे गए और उनके बाल खींचे गए.


इस थाने में पुलिसकर्मियों ने की बर्बर पिटाई


यह घटना 24 दिसंबर को हुई. नाबालिगों ने अपनी शिकायत में कहा कि वे घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की पहचान कर सकते हैं. नाबालिगों ने अपनी शिकायत में कहा है कि 24 दिसंबर को हमें और हमारी मां को अमानवीय तरीके से पुलिस द्वारा उठाया गया और पीटा गया और संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पुलिस स्टेशन के एक कमरे में हमें फिर से प्रताड़ित किया गया और पैरों पर लाठियां बरसाई गईं. हमारे गालों पर कई बार थप्पड़ मारे गए और हमारे बाल खींचे गए. मेरी बहन इस कृत्य में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की पहचान कर सकती है.


डीसीपी से की शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई


आईएएनएस के पास मौजूद एक अलग शिकायत में पूजा शर्मा नाम की एक महिला ने एक महिला पुलिस अधिकारी पर उसे थाने के एक कमरे में ले जाकर उसका शारीरिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. पूजा ने अपनी शिकायत में कहा है कि जब मैंने उससे मामले के बारे में पूछा, तो पुलिसकर्मी उग्र हो गया और मेरा चेहरा मेज पर दे मारा. मेरी नाक और सिर में चोटें आईं, खून बहने लगा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक मेडिको-लीगल केस (एमएलसी) भी बनाया गया. हालांकि, पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) को बार-बार संदेश भेजने के बावजूद खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.


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