Delhi News: संसद के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन है. मणिपुर हिंसा की घटना सहित कई मसलों पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा मचा है. दूसरी तरफ दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal), केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) पर गुस्से में दिखाई दे रही हैं. वह राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिए बगैर यूनियन पब्लिसिटी मिनिस्टर से पूछ रही हैं कि एक 'फ्लाइंग किस' को लेकर आप इतना गुस्से में हैं, पर मुझे समझ नहीं आता कि आपका ये गुस्सा उस समय कहां चला जाता है जब आपके सिर्फ दो रो यानी पक्ति पीछे बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह नाम का एक आदमी बैठा दिखाई देता है.
'उस वक्त गुस्सा क्यों नहीं आया'
स्वाति मालीवाल वीडियो में कह रही हैं कि इस आदमी ने पांच से ज्यादा ओलंपियन पहलवानों का यौन शोषण किया. अपने कमरों में बुलाया, कमर और छाती पर हाथ रखा. तब यूनियन मिनिस्टर को गुस्सा नहीं आता, जब मणिपुर (Manipur Violence) में लड़कियों को नंगा कर घुमाया जाता है. उनका मोलेस्टेसन किया जाता है. गैंगरेप किया जाता है. इनको गुस्सा तब नहीं नहीं आता जब राम रहीम जैसे बलात्कारी और हत्यारे को वहां की सरकर हर दूसरे दिन पेरोल छोड़ देती है. पेरोल पर उसे जेल से बाहर निकाल देती है.
'क्या ऐसे बेटी बचेगी और पढ़ेगी'
स्मृति ईरानी को उस समय गुस्सा नहीं आता, जब बिलकिस बानों का गैंग रेप किया गया. बिलकिस के परिवार के सात लोगों को मार दिया गया. उनके हत्यारे को स्वतंत्रता दिवस पर छोड़ दिया गया यानी जेल से आजाद कर दिया जाता है. स्वाति मालीवाल ने आगे कहती हैं कि देश के किसी न किसी कोने से हर रोज रेप की डराने वाली घटनाएं सामने आती हैं. इसके बावजूद केंद्रीय मंत्री को गुस्सा नहीं आता, लेकिन उन्हें गुस्सा आना चाहिए, पर यह गुस्सा मुद्दों पर आना चाहिए. नहीं तो ऐसे बेटी बचेगी और ऐसे बेटी पढ़ेगी क्या? बता दें कि स्वाति मालीवाल का यह बयान उस समय आया है जब दो दिन पहले राहुल गांधी के फ्लाइंग किस वाली घटना के बाद उन्होंने संसद पर न केवल उन्हें, बल्कि उनकी पार्टी कांग्रेस जोरदार हमला बोला था. इतना ही नहीं, स्मृति ईरानी ने उस घटना को भारतीय महिलाओं का अपमान भी बताया था.
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