DU के कॉलेजों के फेस्ट में छात्राओं के साथ दुर्व्यहार का मामला, DCW ने पूछा- 'क्यों नहीं रोक पाए...'
DCW News: दिल्ली महिला आयोग ने कॉलेजों में समारोहों के दौरान छात्राओं के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार पर दिल्ली पुलिस और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को 6 अप्रैल से पहले पेश होने को कहा है.
Delhi News: दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने सोमवार को कहा कि उसने कॉलेज के फेस्ट के दौरान छात्राओं से बार-बार होने वाले अनुचित व्यवहार की घटनाओं की जांच शुरू कर दी है. महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अधिकारियों को समन जारी कर 6 अप्रैल से पहले पेश होने को कहा है.
जांच समस्त मुद्दों पर होगी
आयोग ने कहा कि यह जांच सभी मुद्दे पर है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत व्यवस्था बनाई जा सके. इससे पहले डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस और आईपी कॉलेज को उत्पीड़न के खास मामले की जांच के लिए नोटिस जारी किया था. डीयू के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज की छात्राओं ने आरोप लगाया कि 28 मार्च को एक उत्सव के दौरान कुछ युवकों ने कॉलेज की दीवार फांद कर कई छात्राओं को परेशान किया.
पहले भी डीयू में हो चुकीं हैं ऐसी घटनाएं
इससे पहले भी डीयू के कुछ कॉलेजों में इसी तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. डीसीडब्ल्यू ने कहा कि 2020 में एक फेस्ट के दौरान कुछ लोग गार्गी कॉलेज परिसर में जबरन घुस गए थे और छात्राओं से छेड़छाड़ की थी. फिर, 2022 में कुछ छात्रों ने मिरांडा कॉलेज में जबरन घुसे और छात्राओं को परेशान किया. इस तरह की घटनाएं डीयू के कॉलेजों में बार-बार हो रही हैं और खासकर कॉलेज फेस्ट के दौरान छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर रही हैं.
महिला और बच्चों के लिए विशेष पुलिस इकाई भी तलब
DCW प्रमुख ने मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और संयुक्त पुलिस आयुक्त, महिला और बच्चों के लिए विशेष पुलिस इकाई (SPUWAC) को समन जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. डीसीडब्ल्यू ने डीयू से गार्गी कॉलेज, मिरांडा हाउस और इंद्रप्रस्थ कॉलेज में हुई घटनाओं की जांच रिपोर्ट और किसी भी सुरक्षा चूक के लिए कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विश्वविद्यालय की ओर से की गई कार्रवाई का ब्यौरा देने को कहा.
आयोग ने घटना के बाद की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा
आयोग ने डीयू और दिल्ली पुलिस से भी पूछा कि वे ऐसी घटनाओं को क्यों नहीं रोक पाए? आयोग ने उन्हें भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए घटना के बाद उनके स्तर से जारी किए गए आदेशों, दिशा-निर्देशों या स्थायी आदेशों का ब्यौरा देनेे के लिए भी कहा गया है. डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस से कॉलेजों में हुई सुरक्षा चूक के लिए उसके अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण देने को कहा. साथ आयोग ने डीयू और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को छह अप्रैल को आवश्यक जानकारी के साथ उसके सामने पेश होने को कहा है.
इंद्रप्रस्थ कॉलेज में हुई घटना के बाद, पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से चोट पहुंचाना ) और 188 (एक लोक सेवक की ओर से कानूनी रूप से घोषित आदेश की अवज्ञा ) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
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