DCW की अध्यक्ष ने स्वाति मालीवाल CM योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र, नाबालिग से गैंगरेप और हत्या मामले में की कार्रवाई की मांग
Delhi News: 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ रेप और हत्या के मामले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. मालीवाल ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
DCW President Swati Maliwal Wrote Letter To CM Yogi Adityanath: दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को लिखा पत्र लिखा है. दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप (Gang rape) और हत्या (Murder) के मामले में दिल्ली महिला आयोग ने बच्ची के माता-पिता से दिल्ली (Delhi) में मुलाकात की है, जिसके बाद इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल एफआईआर (Fir) दर्ज किए जाने और गिरफ्तारी की मांग की गई है.
मां ने बताई ये बात
आयोग ने बताया है कि बच्ची की मां ने घटना को लेकर आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है जिसमें बताया गया है कि 12 मई की शाम वो अपनी 2 बेटियों को घर पर छोड़कर बाहर गई थी, लेकिन जब वो कुछ देर बाद घर लौटी तो उसने देखा कि उनके पड़ोसी की बेटी अपने 2 फुफेरे भाइयों के साथ महिला के घर से भाग रही थी. जब वो अपने घर के अंदर पहुंची तो उसने देखा कि उसकी 13 साल की बेटी बेहोशी की अवस्था में गंभीर रूप से घायल पड़ी हुई है. उसने बताया कि उन लड़कों ने उसके साथ रेप किया और उसे पीटा, जिसके तुरंत बाद महिला अपनी बेटी को लेकर बुलंदशहर के नजदीकी अस्पताल पहुंची, लेकिन बेटी की गंभीर हालत हो जाने के कारण उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया. जहां पर करीब 4 घंटे के बाद बच्ची कोमा में चली गई, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और फिर 16 मई को मेरठ से एक अस्पताल में उसे रेफर किया गया. लेकिन 18 मई को उस अस्पताल में उसकी बेटी की मौत हो गई. जिसके बाद 19 मई को अपनी बेटी का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार कर दिया. 4 जून को लड़की के माता-पिता ने दिल्ली महिला आयोग से मुलाकात की. माता-पिता ने बताया कि मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. उनका आरोप है कि उन्होंने 18 मई को बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उस पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद 23 मई को फिर से पुलिस स्टेशन में वो एफआईआर दर्ज करवाने के लिए गए लेकिन पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाती, तब तक एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी.
'चरित्र' के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी
माता-पिता ने आरोप लगाया है कि 24 मई को एक पुलिस अधिकारी उनके घर आया और उनके बयान दर्ज किए, उन्होंने आगे बताया कि 25 मई को वही पुलिस अधिकारी बिना किसी महिला पुलिस अधिकारी के उनके घर आया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया और 13 वर्षीय उनकी मृत लड़की के 'चरित्र' के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की. माता-पिता ने बताया कि 2 दिन बाद पुलिस अधिकारी ने पिता को थाने बुलाया और बताया कि बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिल गई है. पिता ने बताया कि पुलिस अधिकारी ने उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट सुनाई, लेकिन उसके शरीर पर चोट के निशान का हिस्सा छोड़ दिया, पुलिस अधिकारी ने उनसे कहा कि हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न का उल्लेख है, लेकिन उनकी बेटी पहले से ही किसी के साथ 'रिलेशनशिप' में थी, इसलिए पुलिस आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी.
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नहीं हुई सुनवाई
लड़की के माता-पिता ने बताया कि 28 मई को वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ पुलिस अधीक्षक, बुलंदशहर के पास गए, लेकिन उन्होंने कहा कि वो विसरा रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद ही कार्रवाई करेंगे. माता-पिता ने बताया कि वे एक जून को बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. बच्ची के माता-पिता ने आयोग को बताया है कि उनकी बेटी के इलाज के लिए अस्पताल के बिल में 9 लाख रुपये खर्च किए गए, लेकिन दुर्भाग्य से उसे बचाया नहीं जा सका.
सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र
आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले का संज्ञान लिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने मामले में कथित रूप से कार्रवाई करने से इनकार करने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है. उन्होंने मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए अपराध शाखा द्वारा कार्रवाई करने की सिफारिश की है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से बच्ची के परिवार को आर्थिक मदद मुहैया कराने और इलाज पर हुए खर्च की पूर्ती करने का अनुरोध किया है.
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