Delhi Ramleela 2023: डीडीए के खिलाफ याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में स्वीकार, केंद्र-दिल्ली सरकार को नोटिस, लगे ये आरोप
Delhi High Court Notice: डीडीए रामलीला आयोजकों को सस्ती दरों पर खाली जमीन पार्क मुहैया करा रहा है. जबकि छठ पूजा, जन्माष्टमी, दिवाली मेले आदि आयोजन काफी महंगी दरों पर जमीनों की बुकिंग ली जा रही है.
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Delhi Ramleela News: दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा रामलीला कमेटियों को रियायती दर पर पार्क व पब्लिक प्लेस मुहैया कराने का मामला अदालत चक्कर में फंसता नजर आ रहा है. इसको लेकर द्वारका निवासी और अखिल भारतीय मंदिर परिषद के राष्ट्रीय सचिव रॉबिन शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. याची ने आरोप लगाए हैं कि डीडीए एक तरु रामलीला आयोजकों को सस्ती दरों पर खाली जमीन और मैदान मुहैया करा रहा है तो दूसरी तरफ छठ पूजा, जन्माष्टमी, दिवाली मेले आदि जैसे धार्मिक आयोजन कराने वालों से काफी महंगी दरों पर जमीनों की बुकिंग ली जा रही है. उनका आरोप है कि पिछले वर्ष भी DDA ने काफी सस्ती दर पर रामलीला आयोजकों को जमीनें उपलब्ध करवाई थी. इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस तारा वितस्ता गंजू ने रॉबिन शर्मा की याचिका मंजूर कर ली है.
DDA सभी के साथ करे समान व्यवहार
दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA से उसके खिलाफ भेदभाव के आरोपों पर शुक्रवार को जवाब मांगा है. याचिका पर दिल्ली और केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किए गए हैं. इस मामले में अगली सुनवाई नवंबर में होगी. एडवोकेट रवि वशिष्ठ के जरिए दायर याचिका में शर्मा ने कहा कि तीनों प्रतिवादी दिल्ली डेवलपमेंट एक्ट 1957 के तहत अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में विफल रहे. याचिका के मुताबिक सरकार को अपनी खाली पड़ी जमीनों और डीडीए के मैदानों के प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली है, जिसके तहत वो विभिन्न धार्मिक संस्थानों, ट्रस्टों, वेलफेयर संगठनों और आम जनता को ऐसी जगहें किराए पर देते हैं. ऐसे में DDA सभी बुकिंग एजेसियों के साथ समानता के साथ बर्ताव करे.
याची ने बीजेपी पर भी उठाए सवाल
बता दें कि हर साल दुर्गा पूजा के अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली में रामलीला का भी मंचन किया जाता है. दिल्ली में आयोजित होने वाले रामलीलाओं में से कई तो काफी मशहूर हैं और इसे देखने दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर इलाके से लोग पहुंचते हैं. इसके आयोजकों में रामलीला को लेकर खासा उत्साह रहता है. ये काफी पहले से ही इसकी तैयारियों में जुट जाते हैं. इसकी शुरुआत रामलीला के आयोजन के लिए भूमि-पूजन से होती है. दिल्ली में कल कई जगहों पर भूमि पूजन भी गया है, लेकिन रामलीला आयोजन के लिए जमीनें मुहैय्या करावने वाली दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस विवाद में अब दिल्ली प्रदेश बीजेपी फंसती नजर आ रही है.
इस मामले में दिल्ली धार्मिक महासंघ' के सभी सदस्य दिल्ली बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं का संगठन है और ये सभी सिर्फ रामलीला मेला के आयोजक हैं. आरोप है कि DDA ने इन नेताओं के विशेष आग्रह पर अपने नियमो में बदलाव करते हुए "रामलीला मेला" आयोजकों को विशेष सहूलियतें दी है, लेकिन जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा, काली पूजा, छठ पूजा, गणेश पूजा, अय्यप्पा पूजा व अन्य पूजा एवं त्योहारों के आयोजकों के लिए कोई रियायत नहीं दी जाती है.
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