DDA Anti-encroachment Drive: हर स्तर पर विरोध के बावजूद दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा महरौली (Mehrauli) इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चौथे दिन भी बेरोकटोक जारी है. ठीक इसके उलट स्थानीय लोगों में डीडीए की कार्रवाई के खिलाफ असंतोष  भी चरम पर पहुंच गया है. चौथे दिन यानी सोमवार को भी डीडीए (DDA Anti-encroachment Drive) के बुल्डोजर का स्थानीय लोगों ने जबरदस्त विरोध किया है. तनाव को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. साथ ही दिल्ली पुसिल ने अलर्ट मोड में रहने के संकेत दिए हैं. 


यह मामला यहीं तक सीमित नहीं है. आप के विधायक भी खुलकर डीडीए की कार्रवाई के विरोध में आ गए हैं. आप के विधायक और कार्यकर्ता लगातार इस मसले को लेकर गिरफ्तारी भी दे रहे हैं. खासतौर से आप विधायक नरेश यादव और सोमनाथ भारतीय खुलकर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के खिलाफ हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि दिल्ली सरकार ने इस मुहिम को रोकने के आदेश दिए हैं, लेकिन डीडीए पर उसका कोई असर नहीं है. अब यह मसला आम आमदी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सियासी विवाद का अखाड़ा बनने के करीब है. अहम सवाल यह है कि इस बार डीडीए अतिक्रमण हटाने की जिद पर क्यों अड़ी है? आइए, हम आपको बताते हैं, इस विवाद की पूरी कहानी.


क्या है पूरा मामला 
दरअसल, दिल्ली विकास प्राधिकरण के मुताबिक पुरातात्विक उद्यान क्षेत्र में 55 स्मारक हैं जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, दिल्ली के पुरातत्व विभाग और डीडीए के संरक्षण में हैं. पिछले एक दशक से ज्यादा समय के दौरान डीडीए की भूमि पर लोगों ने न केवल गलत तरीके से कब्जे कर लिए बल्कि पांच से छह-छह मंजिला मकान भी बना लिए. यह सब कब और कैसे हुआ, यह एक अलग ममला है. फिलहाल, लाडो सराय गांव क्षेत्र में स्थित महरौली पुरातात्विक उद्यान क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस की मदद से डीडीए का अतिक्रमण विरोधी अभियान 10 फरवरी से जारी है. यह नौ मार्च तक जारी रखने की योजना है.


अभियान के दौरान अभी तक क्या-क्या हुआ 
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की ओर से इस अभियान के गठित एक संयुक्त टीम के द्वारा चार दिनों से अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी है. शुक्रवार यानी 10 फरवरी को शुरू हुए अभियान के पहले दिन महरौली पुरातात्विक उद्यान क्षेत्र के घौसिया स्लम कॉलोनी में एक अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था. डीडीए ने बृजवासी कॉलोनी और सी-ब्लॉक में एक इमारत को भी ध्वस्त किया था. कुछ अन्य निर्माण को आंशिक रूप से हटाया गया. पहले दिन की कार्रवाई के बाद डीडीए के अधिकारियों ने शनिवार को दावा किया कि उन्होंने शुक्रवार की कार्रवाई में लगभग 1,200 वर्ग मीटर सरकारी भूमि को फिर से हासिल कर लिया. अतिक्रमण की गई बाकी जमीन भी वापस लेने के लिए अभियान जारी है. इतना ही नहीं, रविवार के बाद आज यानी सोमवार को भी डीडीए की ओर से अतिक्रमण हटाने का काम जारी है. ताकि पुरातात्विक उद्यान का सभी नागरिक उपयोग कर सकें. डीडीए अधिकारियों के मुताबिक अतिक्रमण विरोधी अभियान नौ मार्च तक जारी रहेगा. 


तो कार्रवाई की पीछे की ये है मुख्य वजह 
खास बात यह है कि डीडीए ने अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई दक्षिण दिल्ली के पुरातात्विक उद्यान में होने वाली जी-20 बैठक से एक महीने पहले की है. इस बार जी-20 की मेजबानी भारत कर रहा है. जी-20 सम्मेलन का आयोजन दक्षिण दिल्ली स्थित पुरातत्व पार्क में करने की योजना सरकार की है. यह वही पुरातात्विक पार्क है, जहां डीडीए का अभियान विगत चार दिनों से जारी है. इसके अलावा, डीडीए के अधिकारियों का कहना है कि अतीत में अदालत ने विभिन्न मामलों को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक उद्यान में अतिक्रमण का संज्ञान लिया है. डीडीए से इस बाबत सवाल भी पूछे गए हैं. स्टेटस रिपोर्ट के साथ आगे की कार्रवाई को लेकर ​डिटेल में जानकारी भी मांगी गई है. यानी डीडीए पर अतिक्रमण हुए जमीन को मुक्त कराने का दोहरा दबाव है. इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डीडीए ने अतिक्रमण को हटाने के लिए दिसंबर 2022 में नोटिस भी संबंधित पक्षों व लोगों को जारी किया था. साथ ही लोगों को अतिक्रमण हटाओ अभियान से वाकिफ करने के लिए दीवारों पर यह नोटिस चिपकाया गया था. 


डीडीए बंद करे अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई: दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार ने महरौली में डीडीए के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दूसरे दिन स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के विरोध को देखते हुए दखल दिया. अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 11 फरवरी को डीडीए से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई रोकने को कहा था. दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी माना है कि दिल्ली सरकार ने हमसे बात की है. दिल्ली सरकार में राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने विवादित क्षेत्र में नए सिरे से सीमा चिन्हित करने का आदेश दिए हैं. अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने कहा है कि नए सिरे से सीमांकन किए जाने तक क्षेत्र के निवासियों को विस्थापित नहीं किया जा सकता है.


आदेश का डीडीए पर नहीं है कोई 'असर' 
दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के आदेश के बावजूद दिल्ली विकास प्राधिकरण पर उसका कोई असर नही है. बशर्ते, डीडीए की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर चौथे दिन भी कार्रवाई जारी है. चौंकाने वाली बात यह है कि डीडीए के कथित अतिक्रमण को गिराने के लिए राजस्व विभाग के सीमांकन को ही अपना आधार बनाया है. यानी डीडीए का कहना है कि उसकी कार्रवाई पूरी तरह से सही है. अधिकारियों का ये भी कहना है कि अतिक्रमण महरौली के पुरातत्व पार्क के विकास में बाधक है.


किस, किसकी जमीन
महरौली के जिन क्षेत्रों में डीडीए का अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी है वो महरौली पुरातत्व पार्क (Mehrauli Archaeological Park) के करीब स्थित हैं. यहां की कुछ जमीन डीडीए की है, जबकि कुछ अन्य हिस्सों पर पिछले एक दशक में इमारतें और झुग्गियां बनी हैं, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और वक्फ बोर्ड के स्वामित्व में हैं. 


लोगों का लगातार जबरदस्त विरोध जारी 
शुक्रवार को डीडीए ने महरौली पुरातत्व पार्क इलाके में अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की थी. जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया. चौथे दिन की कार्रवाई का भी स्थानीय लोगों जबरदस्त विरोध किया है. आप के विधायक नरेश यादव और सोमनाथ भारती पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहे हैं. दोनों विधायकों के एक्टिव होने के बाद दिल्ली सरकार ने डीडीए से कार्रवाई को रोकने को कहा है. दूसरी तरफ स्थानीय निवासियों ने का कहना कि अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की डीडीए की ओर से कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई. वहीं, अब यह मसला आम आदमी पार्टी (आप) एवं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सियासी दांव-पेंच का अहम मुद्दा भी बन गया है. 


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