Dwarka: DDA की लापरवाही से घुट रहा द्वारका वासियों का दम, सड़क पर पड़ा मलबा बढ़ा रहा परेशानी
Delhi News: स्थानीय लोगों का कहना है कि डीडीए ने सड़क और फुटपाथ के मलबे को खुले में ही छोड़ दिया है, तेज हवा या तेज वाहन गुजरने से यहां से उड़ने वाली धूल लोगों को बीमार कर रही है.
Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (Pollution) का स्तर काफी बढ़ा हुआ है. हर जगह धूल ही धूल उड़ रही है, जिससे हर वक़्त हवा में धूल-कणों की मौजूदगी रहती है. इस वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कतें तो होती ही हैं, साथ ही वातावरण में धुंध जैसी स्थिति भी बनी रहती है. धूल और प्रदूषण के कारण लोगों की आंखों में भी जलन की समस्या उत्पन्न हो गयी है. ऐसे ही हालात द्वारका इलाके में भी नजर आ रहे हैं, जहां डीडीए द्वारा किया जा रहा द्वारका (Dwarka) का सौंदर्यीकरण कार्य, द्वारका में प्रदूषण का कारण बन रहा है.
जगह-जगह खुदी पड़ी सड़क, मलबे से पटे पड़े फुटपाथ
तस्वीरें दिल्ली के द्वारका की हैं. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि फुटपाथों की टाइलों को तोड़कर हटा दिया गया है, सर्विस रोड खुदे पड़े हैं और इन सब से निकला मलबा यूं ही खुले में सड़कों के किनारे जमा पड़ा है, जो हवा के साथ उड़ कर वातावरण को प्रदूषित कर रहा है. हालातों की कोई भी सुध लेने वाला नहीं है.
द्वारका सेक्टर 1 से शुरू होकर सेक्टर 23 तक ऐसे ही दृश्य नजर आ रहे हैं, जहां जगह-जगह सर्विस रोड और फुटपाथों का मलबा पड़ा हुआ है. तेज रफ्तार गाड़ियों के गुजरने और तेज हवा के चलने पर यह मलवा उड़ता है और पूरे वातावरण को प्रदूषित करता है.
लोग पड़ रहे बीमार, खांसी-जुखाम बना आम
ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी रॉबिन शर्मा ने बताया कि डीडीए इन डेवलपमेंट कार्यों को करने के दौरान काफी लापरवाही बरत रही है. मलबों को निकालने के बाद इन्हें खुला छोड़ दिया है, जबकि दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इसे तुरंत ही हटा लेना चाहिए लेकिन उन्होंने इसे हटाना तो दूर, ना तो इस पर पानी का छिड़काव किया है और ना ही इसे कवर किया है. जबकि ऐसे कंस्ट्रक्शन मलबों को ढंक कर रखा जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से ये मलबे यूं ही खुले में पड़े हैं जो वातावरण में फैल कर लोगों को बीमार कर रहा है.
उन्होंने कहा कि आज हर घर में लोगों को लंग्स और थ्रोट इंफेक्शन हो रहा है, लोगों को आंखों में जलन की समस्या हो रही है, जो दवाओं से भी ठीक नहीं हो रही है. इससे सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग परेशान हो रहे हैं. एलर्जी, खांसी और जलन इस वक़्त आम समस्या बन गयी है. उन्होंने बताया कि उन्होंने कई जगह इसकी शिकायतें दी हैं, लेकिन अब तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कि गयी है.
'डीडीए ठेकेदारों को मलबा हटाने का दे निर्देश'
द्वारका के ही रहने वाले रवि कांत ने बताया कि पास में ही डीडीए का बहुत ही बढ़िया पार्क है, जहां सुबह-शाम बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक घूमने और कुछ कसरत करने के लिए आते हैं, लेकिन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आने-जाने के दौरान ये धूल-कण भरी हवा लोगों में स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं को बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि डीडीए ठेकेदारों को इस मलबे को हटाने का निर्देश दे.
वहीं जब तक इसे हटाया नहीं जाता है, तब तक इस पर पानी का छिड़काव कर इसे कवर कर के रखा जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि डीडीए ने सर्विस लाइनों को खोद दिया, फुटपाथ की टाइल्स को निकाल दिया, लेकिन उसके बाद से काम बंद पड़ा है, इसलिए डीडीए ये भी सुनिश्चित करे कि जल्दी से इन कार्यों को पूरा करें, जिससे द्वारका स्वच्छ और सुंदर बना रहे और लोग भी स्वस्थ रहें.
'फुटपाथ टूटने से हादसों की संभावना बढ़ी'
वहीं सेक्टर-6 के रहने वाले अमन शर्मा और सेक्टर 10 की रहने वाली ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन की वाईस प्रेसिडेंटन निधि गुप्ता ने बताया कि इस वक़्त द्वारका के सभी सेक्टरों में डीडीए द्वारा किये जा रहे काम की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ता हुआ है, धूल-मिट्टी युक्त हवा को सांस के रूप के लेने से लोग बीमार पड़ रहे हैं.
इसके साथ ही एडीआरएफ की वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि द्वारका के फुटपाथों को तोड़ कर टाईल्स निकाल दिए गए हैं, लेकिन अब तक उसे लगाया नहीं गया है जिससे एक तो इसकी मिट्टी हवा में उड़ कर वायु को प्रदूषित कर रही है, वहीं फुटपाथों के टूटे होने की वजह से लोगों को सड़कों के किनारे चलने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनके साथ हादसों की भी संभावना बन गयी है.
डीडीए ने नहीं किया नियमों का पालन
वहीं सेक्टर-4 इस्पातीका अपार्टमेंट के प्रेसिडेंट ने कहा कि डीडीए ने डेवलपमेंट कार्य को करने के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जिस वजह से द्वारका की हवा इस वक़्त काफी खराब स्तर पर पहुंच गयी है, जबकि यही सरकारी और सिविक एजेंसीज कंस्ट्रक्शन के दौरान नियमों का पालन नहीं करने पर प्राइवेट कंस्ट्रक्शन करने वालों पर जुर्माना लगा देती हैं, इसलिए डीडीए को भी इस दौरान नियमों का पालन करना चाहिए और जल्द से जल्द इस काम को निपटा कर इस मलबे को यहां से हटवाया जाना चाहिए, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से बचाया जा सके.
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