DDA Flat: दक्षिणी दिल्ली (Sauth Delhi) के गोविंदपुरी (Govindpuri) इलाके में भूमिहीन कैंप झुग्गियों में रहने वाले 3024 परिवारों को नए फ्लैट आवंटित किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने खुद 575 लोगों को फ्लैट की चाबियां देकर उन्हें बधाई दीं. वहीं कांग्रेस (Congress) का कहना है कि पीएम मोदी ने 'जहां झुग्गी, वहीं मकान' का वादा किया था, वह पूरा नहीं किया है. साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस योजना के अंतर्गत जितने फ्लैट बनाए जाने थे, उसके आधे फ्लैट्स भी अभी तक नहीं बने हैं और न ही सभी झुग्गी वासियों का पुनर्वास किया गया है.

 

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी और दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ-साथ पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज्ञापनों में दावा है कि अब झुग्गी में रहने की मजबूरी नहीं, भारत सरकार से मिला अपना पक्का मकान. ये वादा पूरी तरह खोखला है और बीजेपी की अवसरवादिता को साबित करता है. कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा ने बताया कि 'इन-सीटू-स्लम पुनर्वास' परियोजना का शिलान्यास साल 2013 में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की ओर से रखा गया था, जिसके तहत कुल 8064 फ्लैट बनाए जाने थे.

 

'8000 से ज्यादा लोगों का होना था पुनर्वास'

उन्होंने आगे बताया कि पहले चरण में 3000 फ्लैट बनने थे और कालकाजी गोविंदपुरी इलाके में मौजूद भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और जवाहरलाल नेहरू कैंपों में रहने वाले 8000 से ज्यादा लोगों का पुनर्वास होना था, लेकिन मौजूदा मोदी सरकार ने केवल 3024 फ्लैट तैयार करवाए हैं और एक ही कैंप का पुनर्वास किया गया है. साथ ही कांग्रेस ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा है कि इस योजना के अंतर्गत 3 साल में यह फ्लैट बनकर तैयार होने थे और तीनों कैंप में रहने वाले 8000 से ज्यादा लोगों का पुनर्वास होना था, लेकिन साल 2013 के बाद साल 2022 में यह फ्लैट बनकर तैयार हुए हैं और बावजूद उसके तीनों कैंप के झुग्गी वासियों का पुनर्वास नहीं किया गया है.

 


 

कांग्रेस का दावा- 675 झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनी आज भी मौजूद

सुभाष चौपड़ा ने कहा कि दिल्ली की हकीकत यह है कि दिल्ली में 675 झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनी आज भी मौजूद हैं. कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 'इन-सीटू-स्लम पुनर्वास' के तहत कालकाजी, कठपुतली कॉलोनी और वजीरपुर में जेलरवाला बाग में गरीब झुग्गी कैंपों में रहने वालों के लिए वहीं फ्लैट बनाने की योजना शुरू की थी. कालका जी का प्रोजेक्ट सितंबर 2013 में शुरू किया गया था जिसे 3 सालों में पूरा होना था, लेकिन बीजेपी की केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार की असंवेदनशीलता के कारण यह प्रोजेक्ट 8 सालों में पूरा हुआ है. उन्होंने कहा कि वजीरपुर के जेलरबाग और कठपुतली कॉलोनी के प्रोजेक्ट का काम भी आज तक पूरा नही हुआ है, जबकि इसके उद्घाटन की कई बार घोषणाएं की जा चुकी हैं.

 

मोदी सरकार करती रही है खोखले वादे

सुभाष चौपड़ा ने कहा कि मोदी सरकार गरीबों को मकान देने की दिशा में हमेशा खोखले वायदे करती रही है. इनका 'जहां झुग्गी, वहीं मकान' का वादा पूरी तरह खोखला साबित हुआ है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में 'जहां झुग्गी, वहीं मकान' की घोषणा करने के बावजूद दिल्ली में किसी भी नए प्रोजेक्ट को शुरू करने की दिशा में कोई काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए और दिल्ली सरकार में ही राजीव आवास योजना, जेएनएनयूआरएम मिशन के तहत बनाए गए 46,000 फ्लैट अभी तक बीजेपी और आम आदमी पार्टी की सरकार ने गरीबों को आवंटित नही किए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से इन फ्लैटों का रख-रखाव नहीं करने के कारण कुछ फ्लैट तो टूट-टूट कर गिरने लगे है, जो गरीबों के प्रति इन दोनों सरकारों के गैर जिम्मेदाराना रवैये को उजागर करता है.

 

कांग्रेस ने की ये मांग

इसके साथ ही दिल्ली के पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने मांग की है कि कालका जी में बने इन-सीटू प्रोजेक्ट के तहत फ्लैटों का अलॉटमेंट करके पति-पत्नी को संयुक्त मालिक बनाया जाए. उन्होंने कहा कि डीडीए की ओर से गरीब लोगों से 20 हजार रुपये रख-रखाव के डिमांड करना गैर कानूनी है. इतनी बड़ी राशि गरीब लोग कहां से देंगे. उन्होंने कहा कि डीडीए 20 सालों तक रख-रखाव शुल्क खुद वहन करे, इसकी मांग हमने 14 दिसंबर 2021 को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखकर की थी. उन्होंने कहा कि इन नए फ्लैट्स के परिसर में 2 स्कूल, धार्मिक स्थान, डिस्पेन्सरी, कम्यूनिटी सेन्टर और खेल का मैदान भी सरकार की ओर से सुनिश्चित किया जाना चाहिए.