Delhi News: राजधानी दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को IIT की टीम द्वारा जांच में अनसेफ करार दिया जा चुका है. अब एलजी विनय कुमार सक्सेना ने आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को सिग्नेचर व्यू के सभी 12 टावर को तोड़कर नए सिरे से बनाने और यहां के रेजिडेंट्स को दुबारा कब्जा मिलने तक रेंट देने का निर्देश दिया है. DDA ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में रहने वालों को 30 नवंबर तक मकान खाली करने के निर्देश दिए हैं. एलजी की ओर से आदेश जारी होने के बाद नोएडा के ट्वीन टावर की तरह सिग्नेचर व्यू को भी तोड़ा जाएगा. फिर नए सिरे से बना कर यहां रहने वालों को सौंपा जाएगा. 


IIT की टीम ने सभी टावर को बताया अनसेफ


दरअसल, मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट 2012 में बनने के कुछ महीनों बाद से ही जर्जर होना शुरू हो गया था. लोगों ने इसे लेकर DDA से शिकायतें भी की थी, लेकिन इसे लेकर कोई ठोस कदम DDA के द्वारा नहीं उठाया गया और यहां के फ्लैट्स लगातर जर्जर होते चले गए. अपार्टमेंट के प्लास्टर जगह-जगह से झड़ते और टूटते रहे. आखिरकार लोगों की लगातार शिकायतों के बाद IIT की टीम को अपार्टमेंट की जांच का काम सौंपा गया, जिन्हें अपार्टमेंट में गए सरियों के गलने और सड़ने का पता चला. जिस पर उन्होंने अपार्टमेंट की सभी 12 टावर, जिसमें कुल 336 फ्लैट हैं को अनसेफ घोषित कर दिया और उसे गिराने की सिफारिश की.


15 अक्टूबर तक करना होगा एग्रीमेंट पर साईन


दिल्ली के एलजी के हस्तक्षेप के बाद DDA इस अपार्टमेंट को ध्वस्त कर नए सिरे से बनाने को तैयार हुई. इस दौरान HIG फ्लैट मालिकों को 50 हजार जबकि MIG फ्लैट मालिकों को 38 हजार किराया देने के निर्देश एलजी ने DDA को दिया. DDA ने सभी रेजिडेंट्स को 15 अक्टूबर तक एग्रीमेंट साइन करने को कहा है. एग्रीमेंट पर साईन होने के बाद उन्हें 45 दिनों का समय घर खाली करने के लिए मिलेगा. 30 नवंबर तक यहां के सभी लोगों को घरों को खाली करना होगा. इस एग्रीमेंट के अनुसार लोगों को उनके घरों को को तोड़ने के लिए सहमति पत्र, अंडर टेकिंग और लोन के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देना होगा. 


एग्रीमेंट में किराए की रकम को लेकर कहा गया है कि फ्लैट का निर्माण पूरा होने तक रेजिडेंट्स को DDA की तरफ से किराया दिया जाएगा. वहीं, जो लोग फ्लैट के बदले फ्लैट नहीं चाहते हैं, उन्हें DDA फ्लैट की कीमत, 10.6 प्रतिशत इंटरेस्ट और स्टाम्प ड्यूटी के साथ देगी. इसे बनाने वाली कम्पनी का चयन भी किया जा चुका है, जो यहां पर 168 अतितिक्त फ्लैट बनाएगी और उसे बेच कर अपना खर्चा निकालेगी.


फ्लैट खाली कर चुके लोगों को मिले किराया


अपार्टमेंट को गिरकर फिर से बनाने के लिए DDA ने ले-आउट प्लान और आवश्यक अनुमति की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. लोगों के द्वारा फ्लैट खाली करते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. DDA द्वारा दिये गए 30 नवंबर के समय के बाद यहां की बिजली, पानी और गैस जैसी आवश्यक सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा. इसलिए DDA चाहती है कि 15 अक्टूबर तक सभी रेजिडेंट्स एग्रीमेंट ओर साईन कर दें. आरडब्ल्यूए के अनुसार यहां के 85 परिवार फ्लैट को खाली कर जा चुके हैं, जबकि बाकी परिवारों में से 95 प्रतिशत लोग भी इसे तय समय पर खाली करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं, जबकि 5 प्रतिशत लोग निजी कारणों से इसमें देरी कर रहे हैं. लोग सुविधा के अनुसार फ्लैट को खाली कर रहे हैं. हालांकि, आरडब्ल्यूए का कहना है कि जो परिवार फ्लैट खाली कर चुका है उन्हें किराया मिलना शुरू हो जाए, जिससे कि उन पर घर का किराया और ईएमआई का दोहरा बोझ न पड़े. इसके लिए वे फिर से एलजी से बात करेंगे.


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