DDMA News: कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए राजधानी दिल्ली में कई पाबंदियां लगाई गई हैं. क्रिसमस और नए साल के जश्न पर किसी भी तरह की भीड़ जुटाने पर रोक है. जिसका सबसे ज्यादा असर होटल, रेस्टोरेंट, पब और मॉल्स में देखने को मिल रहा है. क्रिसमस और नए साल पर जो बड़े जश्न और कार्यक्रम होते थे वह इस बार भी नहीं हो पा रहे हैं. पिछले साल की तरह इस साल भी नए साल के जश्न पर पाबंदी है. ऐसे में होटल और रेस्तरां में जो पहले से बुकिंग हो गई थी लोग उन्हें कैंसिल करा रहे हैं. जिसका नुकसान होटल और रेस्तरां मालिकों को भुगतना पड़ रहा है.



कैंसिल हो रही बुकिंग
पिछले करीब दो सालों से होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को काफी नुकसान भुगतना पड़ रहा है. हालांकि दूसरी लहर के खत्म होने के बाद मिली छूट से होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को कुछ राहत थी. लेकिन अब एक बार फिर राजधानी दिल्ली में लगी पाबंदी ने होटल इंडस्ट्री की मुश्किलें बढ़ा दी है. करोल बाग होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जगप्रीत अरोड़ा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि क्रिसमस और न्यू ईयर के जश्न को लेकर केवल राजधानी दिल्ली में ही पाबंदी लगाई गई है. जबकि एनसीआर में ऐसी कोई भी पाबंदी नहीं लगी है. वहीं दिल्ली में शादी के जश्न के लिए अभी भी 200 लोगों की इजाजत सरकार की ओर से दी हुई है. लेकिन क्रिसमस और नए साल के जश्न पर रोक लगा दी गई. जबकि होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के लिए यही ऐसा मौका था जब वह पिछले करीब दो साल से हुए नुकसान की कुछ भरपाई कर सकते थे. इसी समय क्रिसमस और नए साल के कार्यक्रम के दौरान कुछ काम हो पाता है. ऐसे में जिन लोगों ने क्रिसमस और नए साल के लिए बुकिंग कराई थी अब वह कैंसिल हो रही है. जिसके चलते होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को रिफंड देना पड़ रहा है. 

दो साल से बंद पड़े काम धंधे 
जगप्रीत अरोड़ा ने कहा कि पिछले दो सालों से लॉकडउन और महामारी के चलते काफी नुकसान हो गया. कई लोगों की नौकरियां चली गई, यहां तक कि कई होटल रेस्टोरेंट बंद हो गए. उन्होंने बताया कि दिल्ली में दो हजार के करीब होटल और पांच हज़ार के करीब रेस्टोरेंट हैं. लेकिन इस समय वह लाखों और करोड़ों के नुकसान से जूझ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री से कई छोटे कामगार भी जुड़े हुए हैं जैसे कि फूल वाले, टैक्सी, कैटरिंग, सप्लायर डेकोरेशन वाले वह भी आर्थिक तंगी से परेशान हैं. उनके काम धंधे भी बंद पड़े हुए हैं. होटल और रेस्टोरेंट में यदि कोई कार्यक्रम आयोजित होते हैं. तो उसमें इन लोगों को भी काम मिल पाता है. लेकिन दिल्ली में क्रिसमस और नए साल के जश्न पर लगी रोक के बाद इनके लिए भी कोई काम नहीं है.

दी जानी चाहिए थी अनुमति
कनॉट प्लेस स्थित नेशनल रेस्टोरेंट के मालिक पार्थ बहल ने कहा कि यह समय काम करने का होता है. क्रिसमस और नए साल के मौके पर रेस्टोरेंट्स में कई पार्टी ऑर्गेनाइज की जाती हैं. फैमिली, दोस्त और कपल आते हैं लेकिन अब कोई बुकिंग नहीं हो रही है. पिछले दो साल से काम पूरी तरीके से बंद है. अब जब कुछ काम करने का मौका आया था तो सरकार ने इस पर भी रोक लगा दी. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से दिल्ली में अन्य कार्यक्रमों में सीमित लोगों के साथ आयोजन की अनुमति सरकार ने दी हुई है, उसी तरीके से क्रिसमस और नए साल के जश्न पर भी कुछ लोगों की संख्या के साथ इसकी मंजूरी दी जानी चाहिए थी.


उन्होंने बताया कि छोटे रेस्टोरेंट्स मालिकों को रोजाना 40 से 50 हजार का नुकसान हो रहा है. जबकि बड़े रेस्टोरेंट में लाखों रुपए का नुकसान रेस्टोरेंट्स मालिक झेल रहे हैं. रेस्टोरेंट और होटल मालिकों ने कहा कि कुल मिलाकर अगर बात करें तो क्रिसमस और नए साल पर लगी जश्न की पाबंदी के बाद करीब 100 करोड़ का नुकसान इंडस्ट्री को झेलना पड़ेगा. जिसका असर सरकार तक जाने वाले टैक्स पर भी पड़ेगा.


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