Delhi News: दिल्ली में न्यू ईयर पर सेलिब्रेशन पर रोक से रेस्तरां कारोबारी निराश, Restaurant बिजनेस को करोड़ों का नुकसान
DDMA News: दिल्ली में डीडीसीए ने सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगा दी है. इस रोक से रेस्तरां उद्योग के साथ रोजगार के मौके तलाश रहे लोगों को भी झटका लगा है.
Delhi News: दिल्ली के साकेत में एक मॉल ने इस सप्ताह एक अलफ्रेस्को मार्केट लगाने का प्लान किया था. ये मार्केट क्रिसमस के दौरान खोलने का प्लान किया गया था, जिसमें प्रमुख रेस्टोरेंटों द्वारा खाने का स्टाल लगाने का भी प्लान था. बाजार में कलात्मक प्रोडक्ट लगाने के साथ ही आने वाले लोगों के लिए शराब और बीयर पार्टी का भी प्रबंध था. बुधवार के दोपहर बाद पार्टी के लिए अच्छा से अच्छा प्लान तैयार किया गया जिससे बड़ी आमदनी हो सके. लेकिन गुरुवार को डीडीएमसी के द्वारा सार्वजनिक समारोहों पर रोक के बाद ये इवेंट भी कैंसिल करना पड़ा.
घरेलू बाजार और रैलियों पर प्रतिबंध नहीं
डीडीएमसी के आदेश ने पूरे सप्ताह मॉल, बार, क्लब और मार्केट की बड़ी उम्मीदों को झटका दिया है. अब सार्वजनिक समारोह पर रोक लगने के बाद सार्वजनिक पार्टी, कलाकारों के समारोह और क्लब के संगीत समारोह भी रद्द हो गए हैं. इससे रोस्तरां के उद्योग करने वाले पार्टी कैंसिल होने से हुए बड़े घाटे को जोड़ रहे हैं. फस्ट फिल्ड रेस्टोरेंट और नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री के दिल्ली चैप्टर हेड प्रियांक सुखिजा ने इस संबंध में टाइम्स ऑफ इंडिया से बात की. उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट उद्योग को इससे सौ करोड़ का घाटा लगा है. हर रेस्टोरेंट ने अपने यहां कलाकरों, पार्टियों और समारोहों का प्रबंध किया था. ये सब समारोहों पर प्रतिबंध के कारण कैंसिल हो गया. उन्होंने कहा कि रेस्तरां की पार्टियों पर तो प्रतिबंध लगाया गया लेकिन घरेलू बाजार और चुनावी रैलियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा.
एक बार फिर अनिश्चिंता
द बीयर कैफे के राहुल सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि इवेंट के रद्द होने से हमारे उद्योग को बड़ा झटका लगा है. त्योहारी सप्ताह होने के कारण उद्योग के लिए पूरी रात आमदनी होती थी. इस दौरान सैकड़ों इवेंट होने के कारण कुछ छोटे छोटे रोजगार भी लोगों को मिलते थे. लेकिन ये सबको बंद करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक समारोहों को रद्द करने की बजाए अगर नियमों का सख्ती से पालन कराने का उपाय खोजा गया होता तो ऐसा नहीं होता. हर रेस्तरां को रोज करीब 50 लोग मिलते थे लेकिन अब सब फिर से एक बार अनिश्चिंता से जुझ रहे हैं.
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