Delhi Suicide: राजधानी दिल्ली में खुदकुशी के मामलों में 2019 के मुकाबले पिछले साल 24 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है. ये खुलासा नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक 2019 में दिल्ली में 2,526 खुदकुशी उजागर हुई, जबकि 2020 में ये संख्या बढ़कर 3,142 हो गई. विशेषज्ञों का इस मनोवृत्ति के पीछे कहना है कि कोरोना महामारी से पैदा हुआ डिप्रेशन एक कारण हो सकता है.


टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मनोचिकित्सकों ने बताया कि अकेलापन और बीमारी का खौफ दोनों ने खुदकुशी के मामलों में योगदान दिया. इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहैवियर एंड एलाइड साइंसेंस के डायरेक्टर निमेश देसाई ने कहा, "दुनिया भर में विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि 2020 तक डिप्रेशन स्वास्थ्य की एक समस्या होगी, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि लोगों पर इतना ज्यादा प्रभाव होगा. इसलिए जरूरी है कि लोग हिचके नहीं और सामने आएं अगर उनको इस मनोवृत्ति का सामना हो रहा है."


खुदकुशी के प्रतिशत में बढ़ोतरी के पीछे फैक्टर को बताते हुए उन्होंने कहा, "आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत खराब असर डाला. उसके अलावा, लोगों को संक्रमित होने का खौफ था. अस्पताल के अनुभव से डिप्रेशन, सामाजिक चिंताएं भी शामिल रहीं. खुद से प्यार और खुद की देखभाल भी अहम भूमिका अदा करते हैं क्योंकि खुद की सबसे पहले चिंता करनी होती है. ये एक दिन में नहीं होता बल्कि धीरे-धीरे चलनेवाली प्रक्रिया है." मनोवैज्ञानिक तान्या अंथवाल ने जोखिम के बारे में बताया, "लोगों का स्क्रीन टाइम,वीडियो गेम्स खेलना, सोशल आइसोलेशन, ऑनलाइन क्लास की थकान बढ़ गए थे, जबकि आमने सामने मुलाकात या संवाद कम हो गए थे."


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