Delhi-Mumbai Expressway: रफ्तार और टेक्नोलॉजी का अद्भुत कॉम्बिनेशन, एक साल में बचाएगा 32 करोड़ लीटर फ्यूल, जानें खासियत
Longest Expressway: एक्सप्रेस-वे पर हर एक किलोमीटर पर CCTV लगे होने के कारण सुरक्षा के नजरिए से भी इसे खास माना जा रहा है. अगर, यहां गाड़ी की रफ्तार 120 से तेज करते हैं, तो चालान ऑटोमेटिक कट जाएगा.
Delhi-Mumbai Expressway: भारत ने परिवहन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. देश की महत्वाकांक्षी परियोजना दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है. 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले फेज (First Phase) का उद्घाटन करेंगे. एक्सप्रेस-वे का पहला फेज हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा को जोड़ता है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास मार्च 2019 में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने किया था.
देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे
1386 किलोमीटर की लंबाई वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे है. यह नायाब इंजीनियरिंग की मिसाल है. यह रफ्तार और टेक्नोलॉजी का अद्भुत कॉम्बिनेशन है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश की राजधानी दिल्ली को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ेगा. इस एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी 24 से 12 घंटे की हो जाएगी. करीब एक लाख करोड़ की लागत से बना ये एक्सप्रेस-वे 6 राज्यों से होकर गुजरेगा. दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र.
एक्सप्रेस-वे न सिर्फ छह राज्यों के सफर को बेहद आसान करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देने का काम करेगा. दावा यह भी किया जा रहा है कि यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ मुसाफिरों को उसके गंतव्य तक पहुंचाएगा, बल्कि मोदी सरकार को 2024 में फिर से सत्ता तक पहुंचने के रास्ते को भी आसान कर सकता है.
क्यों खास है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की सबसे खास बात यह है कि इसे जर्मन तकनीक से बनाया गया है. आठ लेन वाले इस एक्सप्रेस-वे को आने वाले 50 साल के ट्रैफिक और जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है. आने वाले समय में अगर जरूरत पड़ी तो इसे 12 लेन तक का किया जा सकता है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से फर्राटे भर सकती हैं. इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से सालाना 32 करोड़ लीटर फ्यूल की खपत कम होगी. पर्यावरण को चार करोड़ पेड़ लगाने जितना फायदा होगा. एक्सप्रेस-वे के किनारे 20 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे.
रफ्तार के साथ सुरक्षा, टेक्नोलॉजी और सुविधा
एक्सप्रेस-वे पर हर एक किलोमीटर पर CCTV लगे होने के कारण सुरक्षा के नजरिए से भी इसे खास माना जा रहा है. अगर, आप यहां गाड़ी की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे से तेज करते हैं तो चालान ऑटोमेटिक कट जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे पर टोल भी फास्टैग टेक्नोलॉजी से लिया जाएगा, यानी जहां से आप सफर की शुरुआत करेंगे और जहां आप सफर खत्म करेंगे, उसके अनुसार आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे.
इससे टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से भी छुट्टी मिलेगी. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर आप कहीं भी गाड़ी खड़ी नहीं कर पाएंगे. इस एक्सप्रेस वे के किनारे रेस्ट एरिया में ही आप गाड़ी खड़ी कर सकेंगे. रेस्ट एरिया में रेस्तरां, होटल, ट्रॉमा सेन्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन जैसी अनेक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी.
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