Delhi: दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर अंगीठी के धुएं के कारण दम घुटने से कई लोगों की मौत हुई है. दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने बंद जगहों पर अंगीठी जलाने से हुई मौतों पर बताया है कि पिछले 15 दिनों में सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी में ही लगभग 10-12 लोगों की जान गई है. वहीं एनसीआर को शामिल कर लें तो यह संख्या 20 से ऊपर पहुंच जाएगा. यह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसी मौतों से बचा जा सकता है, लेकिन लगता है कि लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है, इसलिए वे ऐसा करते हैं.


अतुल गर्ग ने आगे कहा, "यदि आप अंगीठी को एयरटाइट कमरे में जलाते हैं, तो यह आपके कमरे में ऑक्सीजन की खपत करता है. ऑक्सीजन का स्तर धीरे-धीरे गिरता है और सीओ2 और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है. कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत हैं. यदि संभव हो, तो कमरे को पूरी तरह से वायुरोधी न बनाएं. यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं, तो कोई भी बर्तन ले लें एक बड़े सतह क्षेत्र के साथ और इसे पानी से भरें, जिससे नमी का स्तर और ऑक्सीजन का स्तर बना रहेगा."



एक ही परिवार के चार लोगों की हुई थी मौत


बता दें कि दिल्ली में हाल ही में दो अलग-अलग स्थानों पर कथित रूप से अंगीठी के धुएं के कारण दम घुटने से एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित छह लोगों की मौत हो गई. पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि बाह्य उत्तरी दिल्ली के अलीपुर इलाके में हुई घटना में मारे गए चार लोगों में दो बच्चे भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि अलीपुर की घटना में मारे गए लोगों की पहचान राकेश (40), उनकी पत्नी ललिता (38), उनके दो बेटों पीयूष (आठ) और सनी (सात) के रूप में हुई.


अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह की एक अन्य घटना पश्चिम दिल्ली के इंद्रपुरी इलाके में हुई, जहां कथित तौर पर अंगीठी जलाने के कारण दम घुटने से नेपाल के दो लोगों की मौत हो गई. उनके अनुसार, मृतकों की पहचान राम बहादुर (57) और अभिषेक (22) के रूप में हुई. बहादुर पेशे से वाहन चालक था और अभिषेक घरेलू सहायक के रूप में काम करता था.


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