Delhi News: दिल्ली सरकार साल 2025 तक यमुना (Yamuna) नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने को लेकर गंभीरता से काम कर रही है. इसके लिए जहां सरकार यमुना की सहायक नदी और इसमें गिरने वाले तीन बड़े नालों की सफाई और इसके पानी को ट्रीट करने की कवायद में लगी हुई है, तो दूसरी तरफ सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों (Unauthorised Colonies) में सीवर लाईन (Sewer Line) बिछाने के काम को भी तेज कर दिया है.


दिल्ली सरकार में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने तीन विधानसभा क्षेत्रों की 11 अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि 2025 तक यमुना को प्रदूषण मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है. उसी कड़ी में दिल्ली की सभी अनाधिकृत कॉलोनियों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा.


सीवर लाईन डालने में आएगी 26.5 करोड़ की लागत 


जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जल बोर्ड को आंबेडकर नगर और देवली विधानसभा क्षेत्र की अनाधिकृत कॉलोनियां में 25.5 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने को मंजूरी दी है. परियोजना को पूरा करने में कुल 26.66 करोड़ रुपये की लागत आएगी. सीवर लाइन पड़ने के साथ इलाके के तीन लाख लोगों को सीवर की समस्या से राहत मिलेगी.


पहली कंपनी सिर्फ 56% कर पाई काम


उन्होंने बताया कि पहले यह काम किसी और कंपनी को दिया गया था, लेकिन काम करने में देरी के चलते अब यह काम दूसरी कंपनी को सौंपा गया है. पहली कंपनी ने यहां पर 56 फीसदी काम किया है. जल बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत आंबेडकर नगर में 9 और देवली में 2 अनाधिकृत कॉलोनियों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा. बता दें कि दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने का काम युद्ध स्तर पर जारी है. इस काम की शुरुआत पूर्व सीएम शीला दीक्षित के कार्यकाल में ही हुई थी. यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार की इस योजना को काफी अहम माना जा रहा है. 


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