Delhi News: दिल्ली सरकार द्वारा देहात के गांवों में हाउस टैक्स लगाने एवं नियम-कानूनों के थोपे जाने के विरोध में किसानों व ग्रामीणों का विरोध जारी है. इस माले में पालम 360 खाप ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना के आवास का रविवार को घेराव किया. पालम खाप पंचायत के नेताओं, ग्रामीणों और किसानों ने सीएम और एलजी आवास पर महापंचायत भी की.
महापंचायत का नेतृत्व करते हुए पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने चेतावनी दी कि ग्रामीणों ने सरकार के द्वारा थोपे गए निर्णय के खिलाफ लड़ाई का मन बना लिया है. अगर 30 सितंबर तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वे दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर राजघाट से इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करने का ऐलान करेंगे.
महापंचायत में महिलाएं भी हुई शामिल
चंदगीराम अखाड़ा के सामने रिंग रोड पर आयोजित महापंचायत में पालम 360 खाप के अधीन सभी सभी खापों के प्रतिनिधि और करीब 10 हजार लोग शामिल हुए. सरकार के थोपे गए नियमों और कानून को लेकर ग्रामीणों में इस कदर रोष है कि महापंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. इस दौरान महिलाओं ने अपनी मांगों के संबंध लिखी तख्तियां हाथों में लेकर पुरुषों से अधिक जोश के साथ नारेबाजी की.
ग्रामीण अन्याय बर्दास्त नहीं करेंगे
पालम 360 खाप के चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि देश के आजाद होने के बाद भी राजधानी के ग्रामीणों के साथ बदस्तूर अन्याय जारी है, लेकिन वह अब अन्याय बर्दास्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की कृषि भूमि कौड़ियों के भाव अधिग्रहण करके उन्हें बेरोजगार कर दिया. इस दौरान गांवों में मौजूद ग्रामसभा भूमि पर भी सरकार ने कब्जा कर लिया, जबकि यह भूमि ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए छोड़ी गई थी.
सरकार पर वादा खिलाफी और जमीन हड़पने का आरोप
सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के बाद ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई पहल अभी तक नहीं हुई. उन्हें आश्वासन दिया गया था कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और उनकी जमीनों के बदले वैकल्पिक प्लॉट दिए जाएंगे. न किसी परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी गई और ना ही उनको वैकल्पिक प्लॉट दिए गए. दूसरी ओर ग्रामीणों पर हाउस टैक्स, कनवर्जन चार्ज, पार्किंग शुल्क समेत कई प्रकार के टैक्स लगाने के साथ-साथ भवन उप नियम जैसे कई नियम थोप दिए गए. इसके अलावा, एक भी मास्टर प्लान में गांवों के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया. ग्रामीणों को राहत देने का कार्य नहीं किया गया.
ग्रामीणों ने सरकार के सामने रखी ये मांग
महापंचायत के माध्यम से सरकार के सामने अपनी मांगों को रखते हुए उन्होंने कहा कि गांवों से हाउस टैक्स नहीं लिया जाए, संशोधित एवं किसान हितैषी लैंड पूलिंग पॉलिसी, डीडीए पॉलिसी, लैंड म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) शुरू किया जाए. धारा 81 एवं 33 समाप्त किया जाए और धारा 81 के तहत पुराने मुकदमे वापिस लिए जाएं. दिल्ली सरकार ग्रामसभा की जमीन को डीडीए को देना बंद करे. धारा 74/4 और 20 सूत्री के तहत गरीबों को अवंटित भूमि एवं प्लॉटों को मालिकाना हक दिया जाए. लाल डोरे का विस्तार किया जाए. ग्रामीणों को भूमि अधिग्रहण करने के मामले में अल्टरनेटिव प्लॉट जल्द से जल्द दिए जाएं और गांव वालों को पुश्तैनी संपति का मालिकाना हक दिया जाए.
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