Delhi Air Pollution: दिवाली के दिन 700 से ज्यादा वाहनों का कटा चालान, जानें क्यों हुई ये कार्रवाई?
Delhi Pollution Today: दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट देखने के बाद जीआरएपी चरण चार लागू किया गया था. वहीं, अब इसके तहत वाहनों के लिए लागू नियम का पालन न करने पर कार्रवाई की गई है.
Delhi News: दिल्ली में दिवाली (Diwali)के दिन वैध PUC सर्टिफिकेट के बिना वाहन चलाने वाले 700 से अधिक लोगों को चालान जारी किया गया है. वायु गुणवत्ता के 'गंभीर' तक पहुंच जाने के कारण दिल्ली में 5 नवंबर को GRAP स्टेज-4 लागू कर दिया गया था. इसके तहत सभी प्रकार के निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों पर बैन लगा दिया गया था.
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक रविवार (12 नवंबर) को दिवाली पर वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना चलने वाले वाहनों के खिलाफ 710 चालान जारी किए गए थे. इसके अलावा अवरोधक या ठीक से पार्किंग न करने पर कुल 584 चालान और 1,085 नोटिस जारी किए गए हैं. इसके साथ 44 वाहनों को क्रेन द्वारा उठाकर ले जाया गया.
इन वाहनों का भी कटा चालान
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर वाहन चलाने पर 61 चालान, नो एंट्री का उल्लंघन करने पर 263 चालान काटे गए. पुलिस ने बताया कि बीएस-3 पेट्रोल के 84 वाहनों और बीएस-4 डीजल के 336 वाहनों को चालान जारी किए गए हैं. बीएस-3 पेट्रोल वाहनों के खिलाफ 2,193 चालान जारी किए गए हैं. जबकि 3 नवंबर से 12 नवंबर तक बीएस-4 डीजल वाहनों के खिलाफ 9,903 चालान जारी किए गए हैं.
ट्रैफिक के विपरीत वाहन चलाने पर केस
उधर, वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना ड्राइविंग करने की सबसे ज्यादा घटनाएं वसंत विहार, तुगलक रोड और तिलक नगर में हुई हैं जबकि वसंत विहार, तिलक नगर और तिमारपुर के प्रमुख स्थानों पर ठीक तरीके से पार्किंग न किए जाने की घटना देखी गई. वहीं, ट्रैफिक फ्लो के विपरीत वाहन चलाने वाले यात्रियों पर सबसे अधिक केस नांगलोई, द्वारका और बदरपुर के इलाकों में दर्ज किए गए हैं.
जीआरएपी के ये हैं चार चरण
बता दें कि जीआरएपी के तहत चार अलग-अलग श्रेणियों में कदम उठाने का प्रावधान है. स्टेज-1 तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता खराब यानी एक्यूआई 201 से 300 के बीच रहती है. वहीं स्टेज-2 बहुत खराब स्थिति में लागू करने का प्रावधान है यानी एक्यूआई 301-400 के बीच रहता है. स्टेज -3 वायु गुणवत्ता गंभीर (एक्यूआई 401-450 ) रहने पर लागू होती है जबकि स्टेज चार में बेहद गंभीर (एक्यूआई 450 से अधिक) स्थिति में कार्यान्वित किया जाता है.
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