Delhi Politics News: राजधानी दिल्ली में विधायिका की शक्तियों को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) और केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) के बीच घमासान जारी है. इसे लेकर आप तमाम विपक्षी दलों को साधने में जुटी हुई है, ताकि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को राजयसभा में पास होने से रोका जा सके. वहीं अब आप की इस कोशिश को कांग्रेस पार्टी झटका देती नजर आ रही है. जिसे लेकर आप नेता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, आप पार्टी की सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेता अजय माकन बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे हैं.


दरअसल, माकन ने कहा था कि, 11 सितंबर 2002 को कांग्रेस की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव लाई थीं. वहीं प्रस्ताव कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों ने पास किया था. अजय माकन ने दिल्ली विधान सभा में कहा था कि, अन्य प्रदेश के बराबर ही दिल्ली के मुख्यमंत्री की शक्ति होती है. उनका भाषण आज भी विधानसभा में मौजूद है. अजय माकन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, माकन दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे हैं और बीजेपी का साथ दे रहे हैं.


'राहुल गांधी को गुमराह मत कीजिए'


सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अपने नेता राहुल गांधी को गुमराह मत कीजिए. जनता के बीच में जाएं और चर्चा करें, जनता बताएगी कि अध्यादेश सही है या गलत?  उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहली बार कांग्रेस की सरकार 1998 में बनीं थी. 1998 से लेकर 2013 तक शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली में कांग्रेस की तीन बार सरकार बनी. जब पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी, उस दौरान ऐसा मौका भी आया कि इनकी सरकार दिल्ली में और एनडीए की सरकार केंद्र में थी. केंद्र में भी बीजेपी के एक बहुत मॉडरेट लीडर अटल बिहारी वाजपेई थे. ऐसे में समझा जा सकता है कि इन्हें कम परेशानियां हुई होगी.


'कॉन्स्टिट्यूशन से मिली शक्तियों को छीन नहीं सकते'


उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली कांग्रेस के कुछ नेता दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं. खासकर दिल्ली कांग्रेस के दो नेता झूठ फैला रहे हैं कि आप की सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी जा रही दलीलें झूठ हैं. भारद्वाज ने कहा कि रेजलूशन में कहा गया कि इस तरीके का आर्डर राज्य और केंद्र के संबंधों को खराब करता है, जो शक्ति दिल्ली सरकार को कॉन्स्टिट्यूशन से मिली, उसे किसी अमेंडमेंट के जरिए छीन नहीं सकते हैं.


पहले किसी भी सीएम ने नहीं किया हंगामा


वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि, उन्होंने यह कभी दावा नहीं किया कि शीला दीक्षित ने पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मांगा. इस मामले में उनका कहना है कि केजरीवाल चाहते है कि उन्हें विशेषाधिकार प्राप्त हो जो पहले के मुख्यमंत्रियों शीला दीक्षित, मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज को नहीं मिला था. अगर दिल्ली के सभी पूर्व मुख्यमंत्री बिना कोई हंगामा किए अपनी भूमिका का निर्वहन करते रहे थे तो केजरीवाल इतनी अव्यवस्था क्यों फैला रहे हैं. दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के विषय पर केजरीवाल का समर्थन करने का मतलब जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जैसे नेताओं के उन विवेकपूर्ण निर्णयों के खिलाफ खड़ा होना होगा, जो उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के संदर्भ में कभी लिए थे.



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