Municipal Corporation of Delhi: आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार एमसीडी के एकीकरण के बाद भी कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे रही है. अध्यापकों को पिछले 5-6 महीनों से तो सफाई कर्मचारियों को 2-3 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है. जेई, ऐई समेत सैंकड़ों कर्मचारियों को पिछले 5-6 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है.
बीजेपी से मांगा जवाब
आम आदमी पार्टी ने बीजेपी से जवाब मांगा है कि केंद्र सरकार के आधीन होने के बावजूद एमसीडी कर्मचारियों की तनख्वाह में इतना विलंभ क्यों हो रहा है? साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित एमसीडी से आग्रह है कि अपने वादे के अनुसार सभी कर्मचारियों की तनख्वाह जल्द से जल्द जारी करे.
खुद बीजेपी का दावा था कि एकीकरण के बाद एमसीडी की सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी. कर्मचारियों को तनख्वाह भी समय से मिलेगी. उन्होंने कहा कि पिछले 17 सालों के कार्यकाल में बीजेपी ने एमसीडी में इतना भ्रष्टाचार किया है कि आज एमसीडी के पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं.
आम आदमी पार्टी ने लगाए ये आरोप
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के बीते 15 सालों से निगम में सत्ता पर रहने के बाद जब चुनावों का समय आया तो बीजेपी ने तीनों निगमों को एक करने का बहाना ढूंढ लिया और चुनावों को टाल दिया. अभी भी निगम की समस्याएं कुछ खासा हल होती हुई नजर नहीं आ रही है. एकीकरण की घोषणा के समय बीजेपी ने दावा किया था कि सभी कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह मिलेगी और जो रुके हुए प्रोजेक्ट हैं उन्हें पूरा किया जाएगा. भ्रष्टाचार नहीं होगा.
इन्हें महीनों से नहीं मिला वेतन
ईस्ट एमसीडी के स्कूलों के सभी अध्यापकों को पिछले 6 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है. सफाई कर्मचारियों को 2-3 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है. डॉक्टरों, नर्सों, माली, बेलदार, ऑफिस कर्मचारियों आदि को पिछले 5-6 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है. यही हाल नॉर्थ एमसीडी का है. वहां के स्कूलों के अध्यापकों को भी 3-4 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है. सफाई कर्मचारियों को 2-3 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है. जेई, ऐई, सभी समूहों के कर्मचारियों का बुरा हाल है.
इन्हें किया गया है नियुक्त
इसी बीच 22 मई से राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम यानी एक ही निगम हो गई है. तीनों निगमों का विलय हो चुका है. पूरी दिल्ली में अब निगम से जुड़ी सभी जिम्मेदारियां और सभी जोन में सुविधा और समस्याओं को लेकर दिल्ली नगर निगम ही काम करेगी. हालांकि जब तक दिल्ली नगर निगम में चुनाव नहीं हो जाते तब तक केंद्र सरकार की ओर से एक स्पेशल ऑफिसर अश्विनी कुमार और दिल्ली नगर निगम आयुक्त के पद पर ज्ञानेंद्र भारती को नियुक्त किया गया है.
यह दोनों अधिकारी चुनाव होने तक सभी जिम्मेदारियों को लेकर काम करेंगे. अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में कर्मचारियों की सैलरी को लेकर विशेष अधिकारी और आयुक्त क्या कुछ हल निकालेंगे और कैसे आर्थिक समस्या से जूझ रहे निगम को बाहर निकालेंगे.
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