AAP सांसद संदीप पाठक ने पूर्व पीएम नेहरू की तारीफ की, पाकिस्तान और जिन्ना पर कही ये बात
Parliament Special Session: संदीप पाठक ने राज्यसभा में कहा कि पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू की तारीफ की. साथ ही कहा कि उनके बाद इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी स्पेस साइंस को महत्व दिया.
Delhi News: भारत आज जहां है और जहां पाकिस्तान है उसका मूल कारण है कि, भारत को आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) मिले और पाकिस्तान को पहले प्रधानमंत्री के रूप में जिन्ना मिले. ये बातें आज (20 सितंबर) आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने राज्यसभा में कही गई. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक (Sandip Pathak) ने राज्यसभा में चंद्रयान और इसरो पर बात करते हुए कहा कि, आज अगर पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद नहीं किया गया तो वह बेमानी होगी.
आजादी के बाद हमारे देश की स्थिति ऐसी थी कि कई जगहों पर खाने के लिए पर्याप्त अन्न भी नहीं था. उस समय कोई व्यक्ति कैसे यह सोच सकता था कि, पैसा स्पेस साइंस में लगाना है. राजनीतिक रूप से उनका बहुत विरोध हुआ होगा, लेकिन उन सारे विरोधों को अलग रखते हुए उन्होंने अपनी राजनीतिक दूर दृष्टि और स्पष्टता दिखाई, इसको लीडरशिप कहते हैं. संदीप पाठक ने सदन में आगे कहा कि, नींव का पत्थर अगर सीधा लगता है तो बाकी के पत्थर भी सीधे लगते जाते हैं और दीवार सीधी जाती है. यदि नींव का पत्थर टेढ़ा लगे तो दीवार भी टेढ़ी हो जाती है. संदीप पाठक ने कहा कि पंडित नेहरू के बाद इंदिरा गांधी और फिर अटल बिहारी वाजपेयी ने भी स्पेस साइंस को काफी महत्व दिया.
'एक साइंटिस्ट से ज्यादा महत्वपूर्ण संस्था होती है'
उन्होंने कहा कि इसरो इंस्टीट्यूशन के बिल्ड होने के 10 साल के अंदर ही सबसे पहले सैटेलाइट इसरो ने लॉन्च कर दिया था, जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है. 20 साल होते-होते भारत में जो सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल होते हैं, इंडिया में वह तैयार कर लिया था. 20 साल के पहले खुद के व्हीकल से अपने सैटेलाइट लॉन्च करने शुरू कर दिए थे. संदीप ने कहा कि भारत ने ऐसा क्या किया स्पेस के क्षेत्र में जो इतना आगे कर लिया. मैंने राजनीति में आने से पहले साइंस पढ़ा है. मैं अच्छी तरह से समझता हूं इस बात को कि किसी एक साइंटिस्ट से ज्यादा महत्वपूर्ण संस्था होती है.
साइंस और टेक्नोलॉजी के नेहरु ने बहुत कुछ किया
आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने कहा कि, हमारे आपसी मतभेद हो सकते हैं, लेकिन साइंस और टेक्नोलॉजी में जो काम पंडित नेहरू ने किया उसको पूरा देश मानता है और उनकी लीडरशिप को आगे बढ़ाने में हम सबको साथ रहना होगा. इसरो को बनाने का विजन यह था कि साइंस-टेक्नोलॉजी को कैसे जनमानस के हित में उपयोग करना है. संदीप ने इसके साथ ही कहा कि सरदार पटेल और अंबेडकर ने भी तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू का साथ दिया, जिससे यह सभी चीज संभव हो सकी.