Delhi News: दिल्ली में सर्विस विवाद मामले में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) कई मोर्चों पर रणनीति तैयार करने में जुटी है. दक्षिण भारत से लेकर पूर्वी भारत तक के दौरे पर जहां सीएम अरविंद केजरीवाल अध्यादेश को राज्यसभा में रुकने के लिए विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने में लगे हैं. वहीं पार्टी द्वारा पहले ही राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में 11 जून को इस अध्यादेश के खिलाफ महारैली का ऐलान कर दिया गया था.
वहीं आप के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में प्रदेश संगठन की बैठक में यह स्पष्ट हो गया है कि, पार्टी इस महारैली में बीजेपी पर हमला बोलने का कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी. दरअसल, राजधानी दिल्ली में 11 जून को होने वाली महारैली दो मायनो में खास है. बीते महीनों की तुलना में होने वाली यह सबसे बड़ी रैली है. इसमें आम आदमी पार्टी अध्यादेश को लेकर सीधे-सीधे बीजेपी को घेरेगी. वहीं 2024 लोकसभा चुनाव के पहले सीएम केजरीवाल अपनी दावेदारी का भी शंखनाद इसी महारैली से करेंगे .
5 जून को घर-घर संपर्क करेगी आप
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री व दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय के नेतृत्व में प्रदेश संगठन की बैठक हुई. इसमें 11 जून को होने वाली इस महारैली को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश दिया गया. गोपाल राय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कार्यकर्ता 5 जून से दिल्ली के घर-घर जाकर इस महारैली में शामिल होने के लिए लोगों से अपील करेंगे. इसके अलावा इस काले अध्यादेश को लेकर सीधे दिल्ली की जनता से संवाद करेंगे. वहीं यह कहना गलत नहीं होगा कि राजधानी के चुनावी दौर के बाद दिल्ली सरकार की यह सबसे बड़ी रैली होगी जिसमें आम जनता की भागीदारी भी देखी जा सकती है .
सीएम केजरीवाल ने बताया इसे सेमीफाइनल -
लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है, लेकिन इस अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए राज्यसभा में समर्थक प्राप्त करने को लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है. इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, शरद पवार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, सीताराम येचुरी जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद इसे 2024 के पहले सेमीफाइनल बताते हुए कहा है कि अगर हम इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने में कामयाब हो गए तो यह सेमीफाइनल जीतने जैसा होगा. साथ ही इसी आधार पर हम भारतीय जनता पार्टी को 2024 चुनाव में जीतने से भी रोक देंगे.
हालांकि, देश के ज्यादातर विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त कर चुके आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस का समर्थन अभी तक नहीं मिला है और आगे मिलने के आसार भी कम है. वहीं इन सबके बीच पार्टी ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि इस अध्यादेश के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी न केवल दिल्ली के अपने संवैधानिक दायरे को लेकर आवाज बुलंद करेगी, बल्कि इस अध्यादेश के विषय पर ही 2024 के लिए भी हुंकार भरेगी.