Delhi ACB News: दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने कोविड महामारी के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में भ्रष्टाचार के सिलसिले में बड़ी कार्रवाई की है. एसीबी ने गुरुवार (25 जुलाई) को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक पूर्व मुख्य अभियंता और दो निजी कंपनियों के मालिकों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. 


संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा के अनुसार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कथित तौर पर फर्जी बिलों के आधार पर निजी कंपनी को बिना काम या अधूरे काम के लिए भुगतान किया था. अधिकारियों की इस काम से सरकारी खजाने को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 


पीडब्ल्यूडी के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) और तत्कालीन मुख्य अभियंता (स्वास्थ्य क्षेत्र) अनिल कुमार आहूजा तथा एवी एंटरप्राइजेज और विवेक एसोसिएट्स के मालिक विनय कुमार और अक्षितिज बिरमानी की पहचान आरोपी के तौर पर हुई है. एसीबी अधिकारी के मुताबिक तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 


इससे पहले एसीबी ने एक शिकायत के आधार पर कोविड-19 महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के अस्पतालों के लिए विभिन्न निजी कंपनी और ठेकेदारों को आवंटित किए गए कार्यों की जांच की थी. जांच के दौरान एसीबी ने पाया कि आहूजा ने कथित तौर पर 56 कार्यों को मंजूरी दी थी, जिन्हें बाद में 'आपातकालीन' और 'तत्काल कार्य' के बीच अंतर किए बिना 10 कंपनियों को आवंटित कर दिया गया था.


जरूरी बिल नहीं दिखा पाए कंपनी के मालिक


संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि पूछे जाने पर कथित कंपनी मालिक कार्य के लिए खरीदी गई सामग्री के 'ई-वे बिल (परिवहन बिल)' उपलब्ध कराने में विफल रहे. कंपनी के मालिकों ने सामग्री खरीदने के वे बिल दिखाए जो काम समाप्त होने के चार से छह महीने बाद जारी किए गए थे.


जांच एजेंसी को दिए फर्जी ​कंपनी के बिल 


उन्होंने कहा कि कथित कंपनियों द्वारा दाखिल खरीद 'वाउचर' की जांच करने पर पता चला कि 'वाउचर' जारी करने वाली कुछ कंपनियां अस्तित्व में ही नहीं थीं. आहूजा और एवी एंटरप्राइजेज के मालिक विनय कुमार के बीच करीब 1.25 करोड़ रुपये के वित्तीय लेनदेन का पता चला है.


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