Delhi News: हर साल सावन महीने की पूर्णमासी को होने वाले रक्षा बंधन त्योहार के बाद देशभर में फेस्टिव सीजन (Festive Season 2023) की शुरुआत हो जाती है. रक्षा बंधन के बाद जन्माष्टमी, दशहरा और फिर दीवाली-छठ से लेकर होली तक त्योहारों का सिलसिला चलता रहता है. इस दौरण मिठाइयों और दूध से बने पनीर और खोया आदि उत्पादों की मांग भी बढ़ जाती है. जिसका फायदा उठाने के लिए इसके कारोबारी मिलावट (Delhi Trades Adulterated Products) करने से भी परहेज नहीं करते हैं. कई बार तो यह मिलावट लोगों और खासतौर पर बच्चों वे लिए काफी खतरनाक साबित होते हैं.
होली तक बड़े स्तर पर जारी रहेगी कार्रवाई
इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में मिलावटी मिठाइयां, पनीर, मावा, घी, खोया एवं अन्य दुग्ध उत्पादों को बेचने वालों के खिलाफ फूड सेफ्टी अधिकारियों ने कमर कस ली है. इसके लिए सरकार की तरफ से प्रत्येक जिले के लिए फूड सेफ्टी अधिकारियों की टीमें बनाई गई हैं, जो पूरी दिल्ली से हर दिन 200 से अधिक सैंपल उठाएंगे. दिल्ली सरकार की खाद्य सुरक्षा (Delhi Food Security Department) आयुक्त नेहा बंसल ने बताया कि मिलावट के खिलाफ होली तक बड़े स्तर पर कार्रवाई होगी. खोया और मावा का उपयोग ज्यादातर मिठाइयां बनाने में किया जाता है. फेस्टिव सीजन में इसकी खपत बढ़ने से इसके कारोबारी, गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन करने के साथ उन खाद्य सामग्रियों में बड़े पैमाने पर मिलावट करते हैं. जिसे रोकने के लिए उनकी टीम लगातार उनकी जांच करती रहेगी.
ऐसे होगी मौके पर खाद्य पदार्थों की टेस्टिंग
दिल्ली सरकार ने सभी 11 जिलों में प्रवर्तन टीमों को तैनात किया है, जो नकली मिठाई, घी, पनीर, खोया व मावा की बिक्री को रोकने के लिए छापेमारी करेंगी. नकली खोया की बिक्री रोकने के लिए विशेष टीमें खोया मंडी मोरी गेट पर जांच करेंगी. यहां से पूरी दिल्ली में खोया वितरित किया जाता है. फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स (मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन) के जरिए स्पॉट टेस्टिंग भी की जाएगी.
3 साल सजा का प्रावधान
खाद्य वस्तुओं के अनसेफ मामले में 6 माह से 3 साल तक की सजा का प्रावधान है. जबकि सब स्टैंडर्ड कैटेगरी में न्यूनतम 5 हजार दिल्ली और अधिकतम 5 लाख रूपए तक के जुर्माने का को प्रावधान है. बता दें कि मिलावट के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई के तहत बोतल बंद पानी से लेकर पनीर, दूध, घी, मिठाई, सरसों का तेल, रिफाइंड और मसाले तक के सैंपल जांच में फेल हुए हैं. दिल्ली के विभिन्न जगहों से लेकर लैब में भेजे गए सैम्पल की जांच में यह बात सामने आई है.
मिलावटी उत्पादों के 286 सैंपल फेल
खाद्य सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एक साल में 1924 खाद्य वस्तुओं के सैंपल उठाए गए, जिसमें से 1844 की रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट के अनुसार 1558 सैंपल जांच में सही पाए गए हैं, लेकिन 286 सैम्पल जांच में फेल हो गए हैं. जिसमें 52 सैंपल अनसेफ पाए गए है, जो हानिकारक हैं, जबकि बाकी उत्पादों में निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों का ख्याल नहीं रखा गया. इस तरह की खाद्य वस्तुएं हानिकारक नहीं होती हैं, वे जरुरी मात्रा जैसे कुछ मानदंडों पर खरा नहीं उतर पाती हैं.
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