Delhi Chittaranjan Park: लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर स्कूलों में घंटी बजना शुरू हो गई है. ऑनलाइन क्लास से उठकर अब छात्र क्लास रूम में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में पिछले करीब 2 सालों से घर पर रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिए स्कूलों में काफी कुछ बदल गया है. कई छात्र ऐसे हैं जो पहली बार क्लास जा रहे हैं और कई ऐसे हैं जिनके ड्रेस छोटे हो गए हैं. ऐसे में दोबारा अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को उनके लिए नई यूनिफॉर्म खरीदनी पड़ रही है.


दुकानों पर उमड़ी भीड़


जिसके बाद यूनिफॉर्म की दुकानों पर भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है. एबीपी न्यूज़ की टीम दिल्ली चितरंजन पार्क में एक यूनिफॉर्म शॉप पर पहुंची. जहां पर पहले दिन से ही यानी एक अप्रैल से ही लगातार अभिभावक अपने बच्चों के साथ यूनिफॉर्म खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. दुकान के मालिक ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि शुरुआती दो दिनों में हालात यह थे कि दुकान के बाहर अभिभावकों की लाइनें लग गई थी. काफी ज्यादा संख्या में अभिभावक यूनिफॉर्म खरीदने के लिए आ रहे हैं जिसके कारण डिमांड भी ज्यादा हो गई है लेकिन सप्लाई कम हैं.


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इस कारण महंगा हुआ ड्रेस


यूनिफॉर्म शॉप के मालिक ने कहा कि अक्सर अप्रैल के महीने में नया सेशन शुरू होने से पहले ही अभिभावक अपने बच्चों के लिए यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट आदि चीजें खरीद लेते थे. इस बार अभिभावकों ने आखरी समय तक इंतजार किया कि कहीं स्कूलों को दोबारा बंद करने का आदेश ना दे दिया जाए. इसीलिए अप्रैल की एक तारीख से ही अभिभावक यूनिफॉर्म खरीदने के लिए आ रहे हैं. दुकानदार ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पिछले दो साल के दौरान यूनिफॉर्म कारोबारियों का काम पूरी तरीके से ठप रहा.


एक भी यूनिफार्म नहीं बिकी, लेकिन स्कूल खुलने के बाद कुछ राहत देखने को मिली है. लेकिन यहां भी समस्या यह है कि एकदम से डिमांड ज्यादा होने के कारण सप्लाई कम हो गई है. जो कारीगर पीछे से यूनिफॉर्म बनाकर भेजते थे वह अपने गांव चले गए. फैक्ट्रियों में कारीगर नहीं है, कच्चा माल नहीं आ पा रहा है, यूनिफॉर्म बनाने वाले कपड़े महंगे हो गए हैं जिसके कारण दाम भी बढ़ गए हैं. 


ब्लैक शूज की डिमांड


दुकानदार ने कहा कि यूनिफार्म के लिए सबसे ज्यादा काले जूतों की डिमांड होती है. प्रत्येक यूनिफार्म के साथ ब्लैक शूज ही चलते हैं. जिनकी डिमांड काफी ज्यादा है, लेकिन सप्लाई नहीं हो पा रही है. पहले जहां बच्चों के यूनिफार्म के लिए काले जूते ₹400 के मिलते थे वह अब करीब ₹600 के हो गए हैं. उन्होंने कहा क्योंकि 2 साल से यूनिफार्म का कारोबार पूरी तरीके से ठप था जिसके कारण व्यापारियों ने भी दो साल से स्टॉक नहीं लिया. केवल जो स्टॉक पिछले 2 साल से रखा हुआ था उसे ही बेच रहे हैं. ऐसे में नए स्टॉक की डिमांड के लिए भी समय लग रहा है.


छात्रों में उत्साह


इसके साथ ही स्कूल खुलने के बाद छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. छठी क्लास में पढ़ने वाले अनंत श्रीवास्तव ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि दो साल बाद स्कूल जाते हुए उन्हें अच्छा लग रहा है, लेकिन उनकी यूनिफार्म छोटी हो गई है इसीलिए वह अपनी मम्मी के साथ नई यूनिफार्म खरीदने के लिए आए हैं. इसके साथ ही अन्य अभिभावक सोनू जैन ने कहा कि वह अपने तीन बच्चों की यूनिफार्म खरीद रहे हैं. तीनों बच्चों की यूनिफार्म छोटी हो गई है जिसके बाद अब उन्हें नई यूनिफॉर्म खरीदनी पड़ रही है.


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