Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) द्वारा बिजली वितरण कंपनियों को पॉवर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट अर्थात PPAC के तहत बिजली फीस बढ़ाने की मंजूरी देने के बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बीएसईएस एरिया में बिजली बिल (Delhi Power Tariff Hike) 1 जुलाई से लगभग 10 फीसदी बढ़ जाएगी. हालांकि, इस मामले में अंतिम फैसला दिल्ली सरकार लेगी. फिलहाल, बिजली कंपनियों की ओर से कीमत बढ़ाने को लेकर दायर अर्जी को डीईआरसी ने मंजूर कर लिया है.
तय समय से पहले क्यों बढ़े बिजली के दाम?
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मुताबिक केंद्र सरकार की वजह से रेट बढ़ाने पड़े पावर परचेज 1 एग्रीमेंट कॉस्ट 10 साल के लिए तय होती है. इसके बावजूद दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के साथ अन्य इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलट्री कमीशन कुछ महीने के अंतराल पर नियमित रूप से बिजली पर आने वाले खर्च का मूल्यांकन करती रहती हैं. इस प्रक्रिया के तहत बिजली कंपनियों को तीन माह के लिए सरचार्ज घटाने या बढ़ाने की इजाजत मिलती है. फिलहाल, यह कहा जा रहा है कि कोयले महंगा होने की वजह से बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है.
दिल्ली में फ्री बिजली को लेकर क्या है प्रावधान
दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिसिटी सब्सिडी योजना के मुताबिक अगर आपका बिजली खर्च 200 यूनिट तक है तो जीरो बिल आएगा. सरकार बिल पर फिक्स चार्च और सरचार्ज खुद वहन करेगी. बिजली खर्च 201 से 400 यूनिट के बीच है तो उपभाक्ताओं को 50 प्रतिशत 800 रुपये की छूट मिलेगी. अगर आप 401 यूनिट से ऊपर बिजली खर्च करेंगे तो तो आपको कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी. यानी दिल्ली का उपभोक्ता होने के बावजूद आपको पूरा बिल आठ प्रतिशत सरचार्ज के साथ चुकाना होगा.
200 यूनिट तक बिल चुकाने की जरूरत नहींः आतिशी
डीईआरसी द्वारा बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का कहना है कि कि राजधानी के उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक कोई बिल नहीं आएगा. ऐसे उपभोक्ताओं के बिल का सरचार्ज पहले की तरह आम आदमी पार्टी की सरकार वहन करती रहेगी. 200 यूनिट से अधिक बिजली का प्रयोग करने वालों पर इसका असर पड़ेगा और नॉन सब्सिडी वालों के बिलों में 10 प्रतिशत बिल बढ़कर आएगा.