Delhi AIIMS Digital Payment: एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) में 1 अप्रैल 2023 से सभी भुगतान पूरी तरह से डिजिटल हो जाएंगे. इसके लिए एम्स प्रशासन यूपीआई (UPI) के अलावा स्मार्ट कार्ड और काउंटरों पर कार्ड से भुगतान शुरू करने जा रही है. साथ ही एम्स ने नए और पुराने मामलों के ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एकाउंट (ABHA) आईडी के उपयोग को बढ़ावा देने का फैसला लिया है.
पंद्रह नवंबर को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, यह एम्स के सभी ओपीडी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के 'स्कैन एंड शेयर क्यूआर कोड' समाधान को अपनाने के लिए आवश्यक होगा, ताकि तुरंत रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिल सके और मरीजों के आने पर रजिस्ट्रेशन कतार संख्या प्रदान की जा सके. इसके साथ ही स्मार्टफोन न रखने वाले वाले मरीजों के लिए एबीएचए आईडी बनाने की सुविधा के लिए समर्पित काउंटर और बूथ कम से कम सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक संचालित किए जाएंगे.
21 नवंबर से होगी स्कैन एंड शेयर क्यूआर कोड की शुरुआत
यह परियोजना 21 नवंबर से नयी राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में शुरू की जाएगी और एक जनवरी से एम्स नयी दिल्ली के सभी ओपीडी में मिशन मोड में शुरू की जाएगी. कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि एबीएचए आईडी ओटीपी का उपयोग करते हुए रजिस्ट्रेशन के समय अकसर देरी होती है और ओटीपी को फिर से भेजने का अधिकतम प्रयास भी तीन बार तक सीमित है.
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स्कैन और शेयर क्यूआर कोड से रजिस्ट्रेशन में लगेंगे कम समय
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के स्कैन और शेयर क्यूआर कोड समाधान ने रजिस्ट्रेशन में लगने वाले समय को कम करने में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं और अस्पताल पहुंचने पर मरीज की यात्रा को सुव्यवस्थित करने में भी मदद की है. इसके अलावा, उक्त समाधान बायोमेट्रिक है और एबीएचए आईडी विवरण साझा करने की अनुमति देने के लिए ‘फेस-ऑथेंटिकेशन’ सक्षम है.
जानिए एम्स के निदेशक ने क्या कहा?
एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, "तदनुसार, एम्स में नए और अनुवर्ती मरीजों के ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एकाउंट (एबीएचए) आईडी के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है." इसमें कहा गया है कि एबीएचए आईडी के उपयोग को और बढ़ाने के लिए, स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ रोगियों के डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड के क्यूआर कोड आधारित साझाकरण को भी 'व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड' (पीएचआर) ऐप्लिकेशन के उपयोग से सक्षम किया जाएगा.