Delhi News: दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दुनिया भर में विभिन्न रोगों के मरीजों के इलाज के लिए मशहूर है, और यहां उपलब्ध विश्वस्तरीय और आधुनिक चिकित्सीय सुविधा की वजह से देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मरीज अपना इलाज करवाने के लिए पहूंचते हैं. मरीजों को लगातार बेहतर और सहज उपचार प्रदान करने की दिशा में अब एम्स प्रशासन एक और कदम आगे बढ़ाते हुए अर्टिफिशियसल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रोगों के इलाज की तैयारी में है.
एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भविष्य में, हेल्थ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा. AI, क्लिनिकल, क्वॉलिटी केयर सेफ्टी आदि में काफी मददगार साबित हो सकता है. जिसे देखते हुए एम्स प्रशासन अभी से ही भविष्य की तैयारियों में जुट गया है. जिससे कि मरीजों को और भी बेहतर और तेज उपचार सुविधा मिल सके.
स्टडी के बाद कमिटी के सुझावों को किया जाएगा लागू
इसके लिए एम्स प्रशासन ने एक कमिटी का गठन किया है, जो भविष्य में चिकित्सा के क्षेत्र में AI, ड्रोन और रोबोट के इस्तेमाल से संबंधित स्टडी के आधार पर अपने सुझाव देगी और उसे लागू करने को लेकर रणनीति तैयार करने में भी मदद करेगी.
इलाज से संबंधित डेटा को तैयार करने में मिलेगी मदद
एम्स के अधिकारी के मुताबिक अगर एम्स में डायबिटीज के 500 मरीजों का इलाज किया जाता है, तो इसकी पूरा डिटेल लेकर एक डाटा तैयार किया जाएगा. जिसके आधार पर मानक बनाना होगा कि अगर मरीज की उम्र 45 साल से ऊपर है, उसे मोटापे की समस्या है या डायबिटीज है तो इलाज में क्या-क्या शामिल किया जा सकता है.
इलाज में लगने वाले समय को किया जा सकता है कम
AI की सहायता से यह भी पता लगाया जा सकेगा कि मरीज को कैसा इलाज मिल रहा है, उसकी क्वॉलिटी कैसी है? कोई मरीज डॉक्टर के पास कब आता है और उसका इलाज शुरू होने में कितना वक्त लगता है. आमतौर पर इलाज शुरू होने में लंबा वक्त लग जाता है. जिसे कम करने के लिए एम्स प्रशासन काम कर सकता है.
गड़बड़ी का पता लगा कर सुधार करने में मिलेगी सहायता
वहीं लैब में सैंपल की जांच के बाद भी डॉक्टरों को यह जानने में समय लग जाता है कि कुछ मरीजों को तुरंत इलाज की जरूरत है. ऐसे में AI के इस्तेमाल से पता चल जाएगा कि ऐसे मरीजों का तुरंत इलाज जरूरी है. वहीं, कोई मशीन 10 जांच करती है और कोई कम, तो इसमें क्या गड़बड़ी आ रही है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है इसका पता लगा कर भी AI से उस समस्या को दूर किया जा सकेगा.
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