दिल्ली में ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस AIIMS में एक नवंबर से अहम बदलाव होने जा रहे हैं. जिसमें बायोमेट्रिक्स समेत कई मदों में जो मरीजों से शुल्क लिये जाते हैं वह अब नहीं लिये जाएंगे. एम्स अस्पताल के नए डायरेक्टर डॉ एम श्रीनिवास ने इस बाबत आदेश जारी किये हैं. जिसमें उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक ह्यूमन रिसोर्सेज मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने के लिए कहा है. एम्स अस्पताल में 1 नवंबर से इस सिस्टम को लागू करने के लिए कहा गया है और इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद अस्पताल के सभी छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक्स की व्यवस्था लागू रहेगी.


जिससे अस्पताल में ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ डॉक्टर और अन्य स्टाफ की टाइमिंग की पूरी जानकारी होगी. उन्होंने कितने घंटे काम किया और अस्पताल में आने के बाद वह कहां कहां मौजूद रहे यह सभी जानकारी इस सिस्टम के जरिए अस्पताल प्रशासन के पास मौजूद रहेगी.


बायोमैट्रिक्स के जरिए अस्पताल प्रशासन को काम करने वाले हर एक छोटे से लेकर बड़े कर्मचारी डॉक्टर और स्टाफ की जानकारी मिलती रहेगी. इस व्यवस्था को लेकर एम्स अस्पताल के डायरेक्टर ने कंप्यूटर सुविधा के प्रोफेसर इंचार्ज को जल्द से जल्द इसे लागू करने के लिए कहा है. साथ ही जो मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं उन्हें कई मदों में अलग-अलग शुल्क लिया जाता है जो बंद कर दिया जाएगा.


एक नवंबर से अस्पताल में मरीजों से लिए लिए जाने वाले ₹300 तक के यूजर चार्जेस को हटा दिया जाएगा. साथ ही अस्पताल की किसी भी विभाग में नए ओपीडी का कार्ड बनवाने के लिए लिए जाने वाले ₹10 के शुल्क को भी हटा दिया गया है. दिल्ली का एम्स अस्पताल जो एक केंद्रीय अस्पताल है जहां पर मरीजों को एक बेहतर इलाज मिलता है जिसके लिए मरीजों को शुल्क नहीं देना होगा. बड़े से बड़ा इलाज मरीज बिना किसी चार्ज के करवा पाते हैं. लेकिन अलग-अलग मदों में मरीजों को शुल्क देना होता है जो अब 1 नवंबर से नहीं देना होगा.


निशुल्क में नई ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए ₹10, ऑपरेशन के लिए जाने वाले मरीजों को फाइल बनवाने के लिए ₹66, मरीजों के यूजर चार्जेस ₹300, आदि को अब समाप्त कर दिया गया है. 1 नवंबर से मरीजों को यह शुल्क नहीं देना होगा, इस नियम के बाद अस्पताल में इलाज करवाने आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को राहत मिलेगी.


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