Delhi AIIMS: एम्स में मरीजों को अब बेड के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, अस्पताल बना रहा नई रेफरल पॉलिसी
दिल्ली एम्स अपने इमरजेंसी वार्ड में भीड़ कम करने के लिए नई रेफरल नीति के तहत काम कर रही है. एम्स का आपातकालीन विभाग एक दिन में लगभग 600 रोगियों को संभाल रहा है.
Delhi News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अपने आपातकालीन विभाग में भीड़ को कम करने के लिए एक नई रेफरल नीति पर काम कर रहा है. चूंकि स्थिर रोगियों के लिए दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के बीच कोई औपचारिक रेफरल तंत्र नहीं है, इसलिए दिल्ली एम्स ने इस संबंध में नीति बनाने के लिए शनिवार को अपने चिकित्सा अधीक्षकों की बैठक बुलाई है.
एम्स का आपातकालीन विभाग एक दिन में लगभग 600 रोगियों को संभाल रहा है. दोनों गंभीर और गैर-गंभीर मामले. एम्स को सरकारी अस्पतालों से गंभीर रोगियों के रेफरल भी मिलते हैं, जिन्हें वह सुपर स्पेशियलिटी विभागों की कमी या बिस्तरों की कमी के कारण संभालने में सक्षम नहीं हैं.
रोगियों को होती है सुविधा
एम्स ने कहा कि स्थिर रोगियों के लिए दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के बीच कोई औपचारिक रेफरल तंत्र नहीं है और रोगियों को बिस्तर की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाने में असुविधा का सामना करना पड़ता है. रोगी की सुरक्षा और भलाई की दिशा में काम करने के लिए, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के बीच स्थिर रोगियों के लिए रेफरल की व्यवस्था करना अनिवार्य है. इस बीच, एम्स ने 1 जनवरी, 2023 से सभी अस्पताल मॉड्यूल में कागज रहित काम के कार्यान्वयन और भीड़ को कम करने के लिए एक निरीक्षण निगरान समिति और एक कार्य समिति का गठन करने का भी निर्णय लिया है.
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होगी डॉक्टरों की नियुक्तियां
एकीकृत स्टोर और फार्मेसी सहित ई-अस्पताल के सभी मॉड्यूल लागू किए जाएंगे. सर्कुलर के अनुसार, अस्पताल में ओपीडी नियुक्तियां डॉक्टर आधारित होंगी और भीड़ को कम करने के लिए सिस्टम में अनुपलब्धता की स्थिति में पुनर्वितरण की व्यवस्था होगी. इससे पहले रोगियों के बिस्तरों को बढ़ाने का फैसला लिया गया था. इसके अलावा अस्पतालों में डॉक्टरों के कमी को पूरा करने के लिए भी तैयारी की जा रही है. जिससे आम मरीजों के साथ-साथ हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को इमरजेंसी में इंतजार नहीं करना पडेगा. इन मरीजों के लिए इमरजेंसी में पांच बेड की व्यवस्था की गई है.