Delhi News: दिल्ली से लेकर दूसरे राज्यों में चिकित्सा सुविधा और नई तकनीक से उपचार संबंधित व्यवस्थाओं को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. इस दिशा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली ने एक नई पहल की है. एम्स की इस योजना के तहत देश में रोबोटिक सर्जन की संख्या को तेजी से बढ़ाने पर बल देना है, लेकिन इस पहल का लाभ पूरा लाभ तब मिलेगा जब इससे संबंधित जरूरी प्रशिक्षण डॉक्टरों को मिले.
इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली एम्स ने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को अनिवार्य रूप से रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग देने का फैसला लिया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिल्ली एम्स में मंगलवार को रोबोटिक ट्रेनिंग प्रोग्राम को लांच किया गया. दरअसल, दिल्ली में दूर दराज से लोग इलाज के लिए आते हैं. अगर रोबोटिक सर्जन की बात करें तो इनकी संख्या नाममात्र है. इसको बढ़ावा देने के मकसद से अब सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य कर दिया गया है. इसका नतीजा यह होगा कि दिल्ली में रोबोटिक सर्जन की संख्या में तेजी से इजाफा होगा. साथ ही लोगों को नई तकनीक से इलाज तेजी से मिल पाएगा.
ज्यादा मरीजों का इलाज कर पाएंगे रेाबोटिक सर्जन
दिल्ली एम्स में अनिवार्य रूप से लागू किए गए रोबोटिक सर्जरी प्रोग्राम की मदद से रेजिडेंट डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग मिल सकेगी. इस ट्रेनिंग के माध्यम से डॉक्टरों को रोबोट से सर्जरी करना सिखाया जाएगा, इसकी मदद से अधिक से अधिक रोबोटिक सर्जन मरीजों का इलाज कर सकेंगे. इसके अलावा, देश के दूसरे राज्यों में भी इनकी बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा.
रोबोटिक सर्जरी के प्रमुख फायदे
हालांकि, एम्स के चिकित्सकों का कहना है कि सामान्य सर्जरी से रोबोटिक सर्जरी काफी महंगी होती है लेकिन नई तकनीक वाले इस सर्जरी के माध्यम से मरीज की रिकवरी काफी तेज से होती है. रोबोटिक सर्जरी के दौरान मरीज को संक्रमण का खतरा भी बहुत कम रहता है. इस सर्जरी की मदद से गंभीर से गंभीर रोगों को कम समय में नियंत्रित किया जा सकता है. बता दें कि मौजूदा हालात में दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में इनकी संख्या काफी कम है. दिल्ली एम्स में इस ट्रेनिंग के माध्यम से इनकी संख्या बढ़ेगी और लोगों को अच्छा उपचार मिल पाएगा.
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