AIIMS Cyber Hacking: देश की सबसे बड़ी चिकित्सक संस्था दिल्ली एम्स का सर्वर पिछले 10 दिनों से हैक है, जिसकी वजह से संस्था के सारे डिजिटल कामकाज पूरी तरह से ठप हैं. मरीजों के ओपीडी, लैब जांच, मरीजों के भर्ती प्रक्रिया और अन्य मेडिकल कामकाज को मैनुअली जारी रखा गया है. एम्स के कर्मचारियों के लगातार प्रयास के बावजूद अभी तक इस समस्या को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सका है. वैसे दिल्ली एम्स के डिजिटल कामकाज प्रभावित होने से सबसे ज्यादा दिक्कतें दूर दराज के मरीजों को आ रही हैं.


दिल्ली एम्स के आने वाले मरीजों के लिए स्टाफ को बढ़ाकर मैनुअली सुविधा को जारी रखा गया है, लेकिन मरीजों व परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली एम्स में अपने परिजन को इलाज के लिए ले जा चुके उत्तमनगर के रहने वाले सोनू प्रकाश ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा की डिजिटल कामकाज ठप होने से सबसे ज्यादा दिक्कत दूर दराज के मरीजों को आ रही है. कई मरीजों के परिजन इसको लेकर काफी परेशान भी दिखाई देते हैं और सबसे बड़ी चुनौती यह है कि तमाम प्रयास के बावजूद समस्या का कब तक निदान होगा यह भी अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. लेकिन बहुत आवश्यक है की साइबर हैकिंग समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो, जिससे मरीजों को राहत मिल सके.


साइबर एक्सपर्ट द्वारा ठीक कराने का प्रयास जारी


दिल्ली एम्स की साइबर हैकिंग समस्या को चुनिंदा साइबर एक्सपर्ट द्वारा ठीक कराने का प्रयास लगातार जारी है और इससे जुड़ी अनेक खामियां को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. हैकिंग को लेकर चीन का नाम सामने आना, सर्वर सिक्योरिटी में फायरवाल का ना होना, एंटीवायरस करप्ट मिलना रैनसमवेयर अटैक जैसे कई वजह इन 10 दिनों में बताए गए हैं लेकिन अभी तक इस समस्या की असली वजह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है.


मरीजों को हो रही सबसे अधिक समस्या
 
दिल्ली एम्स की गिनती देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के सर्वोच्च मेडिकल व रिसर्च संस्थानों में की जाती है और 2013 में ही इस संस्था द्वारा अपनी सभी व्यवस्थाओं को डिजिटल रूप दे दिया गया था.  दिल्ली एम्स की साइबर हैकिंग की यह घटना बहुत गंभीर विषय है. इस दौरान सबसे अधिक मरीजों को समस्या झेलनी पड़ी है. देश की बड़ी हस्तियों व आम मरीजों की भर्ती प्रक्रिया, जांच सैंपल, मेडिकल रिकॉर्ड स्थाई निवास फोन नंबर सहित कई डाटा के रूप में रिकॉर्ड सर्वर पर होते हैं. इसलिए यह संभावना लगातार बनी है कि एम्स इलाज में दिक्कत के अलावा हैकर द्वारा किसी भी व्यक्ति के इन निजी डाटा को नुकसान न पहुंचाया गया हो.


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