Delhi News: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दिल एवं न्यूरो का इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल, एम्स प्रशासन ने कार्डियक न्यूरो सेंटर (सीएनसी) को ओपीडी सेवाओं के संचालन के लिए नए ओपीडी ब्लॉक में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. अब जल्दी ही दिल और न्यूरो की बीमारियों की ओपीडी सीएनसी से नए ओपीडी ब्लॉक में संचालित की जाएगी.
ओपीडी ब्लॉक में शुरू होने वाली है सीएनसी सेवा
कार्डियोथोरेसिक सेंटर के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने ओपीडी सेवाओं को नए ओपीडी ब्लॉक में शिफ्ट करने के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की थी. जिस पर एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास के निर्देश पर मस्जिद मोठ स्थित नए ओपीडी ब्लाक की छठी मंजिल पर कार्डियोथोरेसिक सेंटर एवं न्यूरो सेंटर के लिए जगह आवंटित की है, जहां 30 कमरे हैं. डॉ. भार्गव ने बताया कि कार्डियक एवं न्यूरो की ओपीडी को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस महीने से नए ओपीडी ब्लॉक में दोनों की ओपीडी शुरू हो जाएगी.
40 बेड का इमरजेंसी वार्ड
दिल और न्यूरो के मरीजों को यहां इलाज की बेहतर सुविधा मिल पाएगी. कार्डियोलाजी में जनरल ओपीडी के दिन भी बढाए जाएंगे. इससे इन रोगों के मरीजों को इलाज के लिए प्रतीक्षा की समस्या से राहत मिल जाएगी. वहीं, ओपीडी के शिफ्ट होने के बाद सीएनसी में खाली होने वाली जगह पर 40 बेड का इमरजेंसी हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक सेंटर का संचालन किया जाएगा. जहां 24 घंटे कार्डियोलॉजी एवं न्यूरोलॉजी के डाक्टर की मौजूदगी रहेगी. इससे हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक के मरीजों को जल्दी इलाज मिल सकेगा.
अभी जनरल इमरजेंसी में होता है सीएनसी मरीजों का इलाज
वर्तमान में एम्स में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मरीजों के लिए अलग इमरजेंसी नहीं है. हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मरीजों का अभी जनरल इमरजेंसी में ही इलाज किया जाता है, जहां अत्यधिक भीड़ होने के कारण मरीजों को जल्दी इलाज मिल पाना मुश्किल होता है. दो हिस्सों (कार्डियोथोरेसिक सेंटर एवं न्यूरो सेंटर) में बंटे एम्स के सीएनसी सेंटर में कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी एवं न्यूरो सर्जरी की ओपीडी एक ही जगह चलती है. इसमें 19 कमरे हैं. आवश्यकता के अनुसार जगह कम और ओपीडी में भीड़ अधिक होने के कारण मरीज एवं उनके परिजनों को बैठने की जगह भी नहीं मिल पाती है.
अपॉइंटमेंट के लिए महीने भर की वेटिंग
कार्डियोलॉजी की जेनरल ओपीडी अभी सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ही होती है. एक दिन विशेष क्लीनिक की ओपीडी होती है. अभी कार्डियोलॉजी की ओपीडी में इलाज के लिए यदि कोई ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेता है तो उसे कम से कम एक महीने का इंतजार करना पड़ता है. मरीजों की इस परेशानी को देखते हुए काफी समय से इस व्यवस्था में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी.