Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) देश का सबसे बेहतरीन अस्पताल है. यही वजह है कि देश के कोने-कोने से लोग यहां इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. जब बात इलाज की हो रही है, तो उसमें खर्च भी आता है. फिर चाहे वो खाना-पीना या रहना ही क्यों न हो. जिसके लिए लोगों को नकद राशि की जरूरत पड़ती है. कई बार मरीज के तिमारदारों के पास उपलब्ध नकद खत्म होने पर खाना मंगवाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 


दिल्ली एम्स ने मरीजों और उनके तीमारदारों की परेशानी को देखते हुए कैशलेस पेमेंट की दिशा में कदम बढ़ाया है. दरअसल, एम्स ने स्मार्ट कार्ड से पेमेंट की शुरुआत की है. अब मरीजों के तीमारदार एम्स स्मार्ट कार्ड के ​जरिए भी कैशलेस पेमेंट कर पाएंगे. 


स्वास्थ्य मंत्री ने जारी किया स्मार्ट कार्ड


एम्स प्रशासन ने इस स्मार्ट कार्ड को एसबीआई के साथ मिल कर जारी किया है. कल यानी सोमवार को एम्स में आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास और बैंक के अधिकारियों की मौजूदगी में इसे जारी किया. इस कार्ड को एसबीआई एम्स स्मार्ट कार्ड नाम दिया गया है. अब एम्स के कैंटीन में कुछ खाने-पीने से लेकर ओपीडी शुल्क और जांच शुल्क तक जैसे सभी भुगतान इस स्मार्ट कार्ड से लिए जायेंगे.


 इलाज शुल्क का भी होगा कैशलेस भुगतान


सोमवार को स्मार्ट कार्ड को जारी होने के साथ ही दिल्ली एम्स के मातृ एवं शिशु ब्लॉक में इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है. अब मरीज इस स्मार्ट कार्ड के जरिये एम्स में इलाज के शुल्क का कैशलेस भुगतान कर सकते हैं. एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने बताया कि एम्स के मुख्य अस्पताल एवं विभिन्न केंद्रों में विभिन्न चरणों में इस स्मार्ट कार्ड से इलाज का शुल्क भुगतान की सुविधा शुरू की जाएगी. इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा.


मातृ-शिशु ब्लॉक में स्मार्ट कार्ड से भुगतान की शुरुआत


एम्स प्रशासन की इस पहल से अस्पताल परिसर के अंदर मरीजों या उनके तीमारदारों से किसी भी सेवा के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकेगा. सोमवार को संस्थान के कर्मचारियों के कैफेटेरिया में लागू करने के साथ मरीजों के लिए सबसे पहले मातृ एवं शिशु ब्लॉक में इस सेवा को शुरू किया गया है. एम्स मुख्य अस्पताल एवं अन्य केंद्रों में भी जल्दी ही इसे लागू कर दिया जाएगा. एम्स में भर्ती होने वाले सभी मरीजों को यह कार्ड बिना किसी सुरक्षा शुल्क के निःशुल्क जारी किया जाएगा. 


यूएचआईडी और आभा नंबर से जुड़ा स्मार्ट कार्ड 


एम्स एसबीआई स्मार्ट कार्ड को अस्पताल के भूतल, मातृ एवं शिशु ब्लॉक और कर्मचारियों के कैफेटेरिया से यह लिया जा सकता है. यह कार्ड अस्पताल के यूएचआईडी (विशेष स्वास्थ्य पहचान नंबर) एवं  आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) नंबर से जुड़ा होगा. अधिकृत काउंटर से यह कार्ड लेने के लिए मरीज को अपना यूएचआईडी नंबर बताना होगा. इस कार्ड को सक्रिय करने के लिए यूएचआईडी से पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी मिलेगा, जिसे दर्ज करते ही कार्ड इस्तेमाल के लिए सक्रिय हो जाएगा. सक्रिय किया गया कार्ड पांच वर्ष तक कि अवधि के लिए वैद्य होगा.


स्मार्ट कार्ड को ऐसे कर पाएंगे टॉपअप


इस कार्ड में न्यूनतम राशि के साथ अपनी सुविधा के अनुसार राशि टॉपअप कर इलाज के लिए भुगतान किया जा सकेगा. इस कार्ड को नकद, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से टॉपअप किया जा सकता है. एम्स में इस कार्ड को टॉपअप करने के लिए जगह-जगह टॉपअप सेंटर बनाए गए हैं, जहां नकद राशि दे कर मरीज या उनके तीमारदार कार्ड को रिचार्ज करा सकेंगे. इसके अलावा, मरीज या उनके परिजन ऑनलाइन कहीं से भी पैसा ट्रांसफर कर कार्ड टॉपअप करा सकते हैं. बता दें कि एम्स प्रशासन ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कहा था कि अप्रैल तक एम्स में सिर्फ स्मार्ट कार्ड से ही इलाज के शुल्क भुगतान होगा, नकद राशि नहीं ली जाएगी. इस कार्ड के अलावा, एम्स में यूपीआई, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भी भुगतान किया जा सकेगा.


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