Delhi News: दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज AIIMS में ना केवल दिल्ली बल्कि देश के दूसरे राज्यों से भी मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. अस्पताल में अक्सर मरीजों की काफी भीड़ देखने को मिलती है, मरीज इलाज के लिए अपने हाथों में पर्चे लिए इधर से उधर भटकते हुए भी नजर आते हैं. कई बार तो महीनों तक इलाज चलने के कारण मरीजों के पास पुराने डॉक्टर के पर्चे या मेडिकल हिस्ट्री डिटेल खो जाती है या फिर खराब हो जाती है. ऐसे में मरीजों को और उन्हें देखने वाले डॉक्टर दोनों को परेशान होना पड़ता है.
नए साल से मरीजों मिलेगी पेपरलेस की सुविधा
नए साल से मरीज और डॉक्टर दोनों को इस समस्या से निजात मिल सकती है. क्योंकि एक जनवरी 2023 से दिल्ली का एम्स अस्पताल ई-हॉस्पिटल यानी पेपरलेस होने जा रहा है. यानी कि अब इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अपनी मेडिकल हिस्ट्री जानने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. बल्कि एक क्लिक पर मरीजों को अपनी मेडिकल हिस्ट्री की पूरी जानकारी मिल सकेगी. एम्स अस्पताल के डायरेक्टर प्रो एम श्रीवास्तव की तरफ से एक लेटर जारी किया गया है. जिसमें इसको लेकर जानकारी दी गई है.
कंप्यूटर पर उपलब्ध होगी मेडिकल हिस्ट्री
एम्स अस्पताल में पेपरलेस सुविधा को शुरू करने के लिए पिछले कई महीनों से काम चल रहा है. इसको लेकर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र NIC ने अस्पताल के सभी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष और केंद्रों के प्रमुखों के साथ एक बैठक भी की थी. जिसने की ऑपरेशन थिएटर मॉड्यूल, टेलीमेडिसिन मॉड्यूल और क्लीनिकल मॉड्यूल के बारे में जानकारी दी गयी. इसके साथ ही एम्स को ई-हॉस्पिटल बनाने के लिए अस्पताल के डायरेक्टर प्रो एम श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. जिसमें उन्होंने यह फैसला लिया कि एम्स की न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में आने वाले मरीजों का आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (आभा) के तहत ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
इसके बाद मरीजों को पर्ची लेकर इधर से उधर नहीं भागना पड़ेगा. बल्कि जब वह डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर के पास पहले से ही मरीज की मेडिकल हिस्ट्री कंप्यूटर पर उपलब्ध होगी, डॉक्टर एक क्लिक पर अपने मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री जान सकेंगे.
क्या कहा एम्स अस्पताल के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीवास्तव ने ?
एम्स अस्पताल के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीवास्तव ने बताया है कि अस्पताल को पेपरलेस बनाने के लिए एक निरीक्षण निगरानी समिति और कार्य समिति का भी गठन किया गया है. जो साप्ताहिक आधार पर इन चीजों की जांच करेगी कि सभी मरीजों की जानकारी सही प्रकार से डिजिटली अपडेट हो पा रही है, या नहीं? लोगों को इसमें कोई समस्या तो नहीं आ रही.
दिल्ली का एम्स अस्पताल बहुत बड़ा अस्पताल है जहां पर काफी संख्या में मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं ऐसे में मरीजों की भीड़ को कम करने के लिए अस्पताल में स्लॉट सिस्टम को भी लागू किया जाएगा. जिसमें कि डॉक्टरों को ई-मेल के जरिए अगले दिन की अपॉइंटमेंट के बारे में जानकारी दी जाएगी.