Delhi News: देश का अग्रणी अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) देश ही नहीं दुनिया भर मे भी अपनी बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं के लिए मशहूर है. यही वजह है कि यहां देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग इलाज के लिए आते हैं. जिनके बेहतर इलाज के लिए एम्स प्रशासन लगातार प्रयासरत रहता है. इस कड़ी में एम्स प्रशासन एक और कदम आगे बढ़ाते हुए अब अंतरिक्ष यात्रियों (Astronauts) को भी चिकित्सा सेवाएं मुहैया करावने जा रहा है. इसके लिए जल्दी ही एम्स और डीजीएएफएमएस (सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशालय) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा.


एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और स्पेस मेडिसिन एवं हाई एल्टीट्यूड मेडिसिन प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश खड़गावत ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस साझेदारी से जहां हाई एल्टीट्यूड मेडिसिन और स्पेस मेडिसिन में प्रगति को बढ़ावा मिलेगा, वहीं एकेडमिक और रिसर्च कम्युनिटी को भी फायदा मिलेगा. साथ ही चिकित्सा ज्ञान और अभ्यास की समग्र उन्नति में भी योगदान मिलेगा.


हाई एल्टीट्यूड मेडिसिन एवं स्पेस मेडिसिन में बढ़ेगी क्षमता: एम. श्रीनिवास
इस समझौता ज्ञापन को लेकर दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा कि ''एम्स नई दिल्ली और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के बीच यह सहयोग एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और हाई एल्टीट्यूड मेडिसिन एवं स्पेस मेडिसिन में हमारी क्षमताओं को बढ़ाएगा. मैं डीजीएएफएमएस के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं.''


अंतरिक्ष यात्रियों की देखभाल और चिकित्सा को कहते हैं स्पेस मेडिसिन
समुद्र तल से 200-400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों यानी एस्ट्रोनॉट और अंतरिक्ष उड़ान प्रतिभागियों की देखभाल और चिकित्सा को अंतरिक्ष चिकित्सा या स्पेस मेडिसिन कहा जाता है. यह एयरोस्पेस चिकित्सा का एक विशेष क्षेत्र है, जिसमें माइक्रोग्रैविटी, असामान्य वातावरण जैसे कम दबाव या उच्च कार्बन डाइऑक्साइड और अंतरिक्ष विकिरण शामिल हैं. बता दें कि अभी हाल ही में एम्स ने चिकित्सा के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ाते हुए अनोखी पहल की थी. एम्स ने सेक्स चेंज सर्जरी का एक वर्कशॉप में लाइव टेलीकास्ट किया था. इस वर्कशॉप में अमेरिकी डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया था. 


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