Delhi News: चिकित्सा और सामाजिक संस्थानों की ओर से अंगदान को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है ताकि उन दान में मिले अंगों से आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंद लोगों की जिंदगी बचाई जा सके. इसका बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहा है. पहले की तुलना में अब लोगों में अंगदान के प्रति अधिक जागरूकता देखने को मिल रही है. कुछ ऐसी ही कहानी है हरियाणा स्थित मेवात के रहने वाले सलीम और उसके परिवार की.
21 अप्रैल को सड़क दुर्घटना में घायल हुए सलीम को गंभीर चोट आई थी, जिसके बाद चिकित्सकों ने सलीम के शरीर को ब्रेन डेड बताया और माता-पिता ने हालात पर खुद को काबू में रखते हुए सलीम के अंगदान का फैसला लिया जो दूसरों की जिंदगी को बचाने के लिए आज काम आ रहे हैं.
21 अप्रैल को सड़क हादसे में सलीम को लगी थी गंभीर चोट
एबीपी लाइव ने इस मामले को लेकर एम्स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गेनाइजेशन की प्रमुख डॉ. आरती विज से संपर्क किया तो उनके द्वारा यह जानकारी मिली कि सलीम नामक बच्चे की उम्र 9 साल थी और वह हरियाणा स्थित मेवात का रहने वाले था. बीते 21 अप्रैल को सड़क दुर्घटना में सलीम बुरी तरह घायल हो गया, जिसके बाद उसे दिल्ली एम्स के ट्रामा सेंटर में उपचार के लिए लाया गया था. उपचार के दौरान चिकित्सकों की स्पेशल टीम ने बच्चे को ब्रेन डेड बताया. जिसके बाद सलीम के परिजनों और माता- पिता ने अपनी रजामंदी से बच्चे के अंगदान का फैसला लिया. इसी माध्यम से दूसरे जरूरतमंद मरीजों के जीवन को बचाया जा रहा है.
सलीम के शरीर के 8 अंग डोनेट किए गए
एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान डॉ. आरती ने बताया कि ब्रेन डेड होने के बाद माता-पिता और परिजनों की अनुमति के बाद सलीम के कुल 8 ऑर्गन डोनेट किए गए. जिसमें लिवर, किडनी, कार्निया, हार्ट वाल्व और अन्य अंग शामिल हैं. इसके साथ ही सलीम के शरीर से डोनेट किए गए किडनी को 20 साल के एक लड़के को ट्रांसप्लांट किया गया है और लीवर को 16 साल के एक अन्य लड़के को ट्रांसप्लांट कर उनके जीवन को बचाया जा रहा है.
अंगदान के लिए अभी अधिक जागरूकता की जरूरत
चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में जरूरत के अनुसार अब लोगों के जीवन को बचाने के लिए अधिक संख्या में अंगदान के लिए हम सभी को आगे आना होगा. हालांकि, पहले की तुलना में लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता देखने को मिली है लेकिन इसमें अभी लोगों के अधिक सहयोग की आवश्यकता है. आर्गन को डोनेट के लिए उम्र की कोई बाधा नहीं होती लेकिन इसके लिए परिवार और माता- पिता की अनुमति और परिस्थितियों के अनुसार उनका सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है.