Delhi Pollution News: दिल्ली में वायु गुणवत्ता बुधवार को खराब रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा. दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार सुबह 374 दर्ज किया गया. वहीं मंगलवार शाम चार बजे AQI 424 दर्ज किया गया जो 26 दिसंबर, 2021 (459) के बाद सबसे खराब है. दूसरी ओर सोमवार रात आठ बजे एक्यूआई 361 (बहुत खराब) था. सफर के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में बुधवार सुबह 6:15 मिनट पर एक्यूआई 374 रहा.


आंकड़ों के अनुसार PM2.5 का औसत AQI 215 रहा.  वहीं नोएडा में 406, गुरुग्राम में 346 और दिल्ली हवाई अड्डे के पास AQI 350 रहा.


वहीं आनंद विहार में AQI 399, मथुरा रोड पर 372, आईटीओ 388. लोधी रोड 337, पटपड़गंज 413, आरके पुरम 396 है. इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा स्थित नॉलेज पार्क में 360,  नोएडा सेक्टर 62 में 395, गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 314, गुरुग्राम सेक्टर 51 में 301 और फरीदाबाद सेक्टर 30 में 260 AQI दर्ज की गई.


इसके अलावा मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री ऊपर 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. शहर में शाम साढ़े पांच बजे सापेक्ष आर्द्रता 62 फीसदी दर्ज की गई.


शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’, और 401 और 500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.


मंगलवार को 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा तापमान
शहर में न्यूनतम तापमान मंगलवार को 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री कम है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शहर में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता 94 प्रतिशत दर्ज की गई.


दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के अनुसार, जब एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच पराली जलाए जाने की घटनाएं चरम पर होती हैं, तब राजधानी में लोग सबसे खराब हवा में सांस लेते हैं. एक नवंबर से 15 नवंबर तक शहर में पीएम2.5 औसतन 285 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया जाता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह धुंध की मोटी परत के कारण सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता 600 मीटर और पालम हवाई अड्डे पर दृश्यता 900 मीटर रह गई.


स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि हवा की धीमी गति और रात में कम तापमान के कारण प्रदूषकों का संचय हो रहा है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण चार नवंबर से नमी बढ़ सकती है तथा हवा की गति और कम हो सकती है.


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