Delhi Pollution: दिल्ली की एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंची, हवा की धीमी गति और रात में तापमान में गिरावट का असर
Delhi News: पराली जलाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण का स्तर शीर्ष पर पहुंच जाता है. शनिवार को राजधानी की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है.
![Delhi Pollution: दिल्ली की एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंची, हवा की धीमी गति और रात में तापमान में गिरावट का असर Delhi air Index stubble burning Punjab and Haryana Delhi NCR pollution level reches peak Novermer 1 to 15 Delhi Pollution: दिल्ली की एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंची, हवा की धीमी गति और रात में तापमान में गिरावट का असर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/28/5fe9af6d031acfd1828cfebe600619741698514479291129_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Delhi Air Index: दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार (28 अक्टूबर) को 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई और आने वाले दिनों में प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के चलते इसके और भी खराब होने की आशंका है. यह जानकारी निगरानी एजेंसियों ने दी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) दोपहर 12 बजे 301 दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को यह 261 था. पड़ोसी शहरों गाजियाबाद में एक्यूआई 286, फरीदाबाद में 268, गुरुग्राम में 248, नोएडा में 284 और ग्रेटर नोएडा में 349 दर्ज किया गया.
एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली के अनुसार, हवा की धीमी गति और रात के समय तापमान में गिरावट के कारण शहर की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है. इसने कहा कि महीने के अंत तक हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रहने की आशंका है.
नवंबर तक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है
प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियां और प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों के अलावा, पटाखों और धान की पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन के चलते, सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर में पहुंच जाती है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के विश्लेषण के अनुसार, एक नवंबर से 15 नवंबर तक राजधानी में प्रदूषण शीर्ष पर पहुंच जाता है जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) जानकारी प्रदान नहीं कर रहा है और संबंधित अधिकारियों को इसका कारण नहीं पता है. वेबसाइट का संचालन करने वाले भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के एक अधिकारी ने बताया, 'हमें नहीं पता कि सफर के पोर्टल पर अपडेट क्यों रुक गए हैं.' इसी तरह, ‘डिसिजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़े भी अब आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं हैं.
प्रदूषण रोकने के लिए पटाखों के निर्माण पर रोक
हाल ही में, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्रोतों का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार के अध्ययन को डीपीसीसी अध्यक्ष अश्चिनी कुमार के आदेश पर 'एकतरफा और मनमाने ढंग से' रोक दिया गया है. दिल्ली सरकार ने पिछले महीने सर्दियों के मौसम के दौरान राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 15-सूत्री कार्ययोजना शुरू की थी. शहर में धूल, वाहन और औद्योगिक प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए विशेष अभियान पहले से ही चल रहे हैं. वहीं, दिल्ली सरकार ने पिछले महीने शहर में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी थी.
सरकार ने नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर. के. पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी, द्वारका सहित पहचान किये गए अधिक प्रदूषण वाले कुल 13 जगहों के लिए प्रदूषण शमन योजना तैयार की है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा, सर्वाधिक प्रदूषित 13 स्थानों के अलावा आठ और ऐसे स्थानों की पहचान की है तथा प्रदूषण के स्रोतों पर लगाम लगाने के लिए वहां विशेष टीम तैनात की जाएंगी. राय ने कहा कि सरकार ने शहर में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए रासायनिक पाउडर का उपयोग करने का भी निर्णय लिया गया है.
ये भी पढ़ें: Delhi Pollution: सांप की गोली के तीन मिनट का धुआं 464 सिगरेट के बराबर हानिकारक, ये पटाखे हैं बेहद खतरनाक
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)