Delhi News: दिल्ली में दिवाली (Diwali) से पहले ही हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है. आलम यह है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले 10 में से तीन परिवार प्रदूषित हवा के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्या झेल रहा है. दिल्ली में सर्दी दस्तक देने को तैयार है. अभी से सुबह और रात के वक्त कोहरा छाने लगा है. दिल्ली के आनंद विहार इलाके में तो शनिवार को पीएम 2.5 का स्तर 326 और पीएम 10 का स्तर 654 दर्ज किया गया.
लोकल सर्कल ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर एक सर्वे किया है. सर्वे के नतीजों से यह जानकारी सामने आई है कि 36 प्रतिशत लोगों को गले में खराश और खांसी की समस्या हो रही है तो 36 प्रतिशत लोगों ने सांस लेने में तकलीफ बयां किया. 27 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें जुकाम की समस्या हो रही है जबकि 9 प्रतिशत ने बताया कि उनकी आंखें जल रही हैं. 27 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें प्रदूषण से कोई समस्या नहीं हो रही है. इसका अर्थ यह है कि दिल्ली-एनसीआर में 36 प्रतिशत परिवार के एक या दो सदस्यों को गले में खराश, खांसी और सांस लेने की समस्या हो रही है.
प्रदूषण से बचने की दिल्लीवासियों की यह है तैयारी
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों से सर्वे में पूछा गया कि आने वाले समय में वायु गुणवत्ता सचूकांक में और गिरावट आएगी, ऐसे में उनकी इससे निपटने की क्या तैयारी है? सर्वे में शामिल 22 प्रतिशत ने कहा कि वे इस दौरान बाहर रहने का विचार कर रहे हैं जबकि पांच प्रतिशत ने कहा कि वे घर के अंदर रहेंगे और स्वास्थ्यवर्धक चीजें खाएंगे. 18 प्रतिशत ने कहा कि वे घर में रहेंगे, स्वास्थ्यवर्धक चीजें लेंगे और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करेंगे. 23 प्रतिशत ने कहा कि वे बाहर जाते वक्त मास्क पहनेंगे.
22 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे एक महीने के लिए दूसरी जगह रहने चले जाएंगे ताकि वायु प्रदूषण के खतरे से बचा सके. कई लोग दिवाली के सप्ताहांत यात्रा कर सकते हैं.
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन लागू होने के बाद भी खराब हुई हवा
वायु गुणवत्ता में गिरावट के बीच सीएक्यूएम ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का स्टेज-1 दिल्ली में 15 अक्टूबर से लागू कर दिया है. इसके तहत धूल पर नियंत्रण, कचरा प्रबंधन, वाहनों पर प्रतिबंध और पानी के छिड़काव जैसे उपाय किए जाते हैं. सीएक्यूएम ने इन उपायों के निर्देश दे दिए हैं और सुप्रीम कोर्ट ने भी पंजाब और हरियाणा सरकार को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने कहा है. हालांकि दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में जीआरएपी को लागू करने के बाद भी वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है.
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