Delhi AQI Today: शीतलहर और बारिश के बाद भी दिल्ली की आबोहवा गंभीर श्रेणी में बनी हुई है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार सोमवार सुबह 7 बजकर 30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. जबकि सोमवार सुबह 11.40 बजे जहांगीरपुरी सबसे ज्यादा एक्यूआई यानि 468 दर्ज किया गया है.
डीपीसीसी रियल टाइम वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक सोमवार 11:40 बजे जहांगीरपुरी में एक्यूआई 468, भलस्वा लैंडफिल में 466, ओखला में 461, आईटीआई शाहदरा में 458, रोहिणी में 454, उत्तर नगर में 452, मुंडका में 450, पंचशील विहार में 448, वसुंधरा एन्क्लेवल में 443, आरके पुरम, मयूर विहार और शाहदरा में 442, शेख सराय में 439, सोनिया विहार में 430 और सुखदेव विहार में 429 दर्ज किया गया. इसके अलावा, दिल्ली के अन्य इलाकों में भी एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में है.
बारिश के बाद प्रदूषण में सुधार की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार शहर में कोहरे की एक पतली परत छाई रही, जिससे दृश्यता कम हो गई. सुबह 5:30 बजे न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके साथ-साथ दिन में हल्की बारिश के साथ बादल छाए रहने की संभावना है, जिससे प्रदूषण से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है.
फिलहाल, दिल्ली के कई इलाकों में सुबह के समय एक्यूआई का स्तर खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया. वजीरपुर में 464, अशोक विहार में 460, मुंडका में 446, बुराड़ी क्रॉसिंग में 445 और आनंद विहार में 443 शामिल हैं.द्वारका-सेक्टर 8 में 393 और नजफगढ़ 372 में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ सीमा से थोड़ा नीचे रही.
इसके अलावा दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच दर्ज किया गया. इनमें डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में 399, द्वारका सेक्टर-8 में 389, आईजीआई एयरपोर्ट में 351, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 400, लोधी रोड में 376, मंदिर मार्ग में 400, शादीपुर में 373, श्री अरबिंदो मार्ग में 361, नजफगढ़ में 372 दर्ज किया गया.
पीएम 2.5 भी हाई
रविवार को पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर), एक प्रमुख प्रदूषक, खतरनाक रूप से उच्च रहा, जिसमें 39 में से 37 निगरानी स्टेशनों ने ‘गंभीर प्लस’ वायु गुणवत्ता दर्ज की.
दिल्ली में ग्रैप-4 फिर लागू
बता दें कि प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने के बाद 16 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण को लागू किया गया है. इन कदम का उद्देश्य प्रदूषण पर लगाम लगाना है, लेकिन इनका तत्काल प्रभाव सीमित है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश और हरियाणा को दिल्ली की तरह पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया और ग्रैप-4 और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के सख्त क्रियान्वयन पर जोर दिया. शीर्ष अदालत ने एनसीआर राज्यों को ग्रैप-4 उपायों के अनुपालन की निगरानी के लिए दिल्ली के प्रवेश बिंदुओं पर टीमें तैनात करने का भी आदेश दिया.
निवासी प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की रिपोर्ट कर रहे हैं, जिसमें श्वसन संबंधी समस्याएं और आंखों में जलन शामिल हैं. घने कोहरे और जहरीली हवा के संयोजन ने दिल्ली के लोगों के लिए जीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, कई लोग इस संकट से निपटने के लिए मजबूत और अधिक प्रभावी उपायों की मांग कर रहे हैं.