Delhi Air Pollution: दिल्ली में बढ़ रहा वायु प्रदूषण, केजरीवाल सरकार ने बुलाई बैठक, लागू होगा ग्रैप का स्टेज 3?
Delhi Pollution: दिल्ली में सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक रविवार को रात 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 307 पर पहुंच गया. इस बीच दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सोमवार को एक बैठक बुलाई है.
Delhi News: दिल्ली की हवा धीरे-धीरे जहरीली होती जा रही है. दिल्ली में रविवार शाम वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया. इसके बाद अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है. बढ़ते प्रदूषण पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा है कि दिल्ली में ठंड बढ़ने लगी है और हवा की गति कम हो गई है, इससे प्रदूषण में बढ़ोतरी हो सकती है. पार्टिकुलेट मैटर जमीन के करीब रह रहे हैं.
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में ग्रैप का दूसरा चरण लागू हो चुका है. ग्रैप चरण 2 के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ एक बैठक बुलाई गई है. मौसम हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन स्रोतों को नियंत्रित करने की आवश्यकता है. ग्रैप 2 मुख्य रूप से सफाई और पानी छिड़काव आदि के बारे में है. बसों और ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ाई जाएगी. दोपहर 12 बजे एक बैठक बुलाई गई है. हमने आसपास के राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से बात की है, राज्यों और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे पराली जलाने पर कार्रवाई करेंगे. दिवाली, पराली और दशहरा के कारण, अगले 10 से 15 दिन दिल्ली के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
रविवार को 307 दर्ज हुआ एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक रात 8 बजे 307 पर पहुंच गया. राजधानी में इस साल 17 मई के बाद पहली बार वायु गुणवत्ता का स्तर 'बहुत खराब' दर्ज किया गया है. वहीं पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को 313 पर पहुंच गया, जो शनिवार को 248 था. दिल्ली में 17 मई को वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' दर्ज हुआ था. 17 मई को एक्यूआई 336 रहा था.
301-400 के बीच माना जाता है बहुत खराब श्रेणी
दिल्ली के लगभग सभी इलाकों में वायु गुणवत्ता रविवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में रही. सीपीसीबी के मुताबिक, फरीदाबाद में एक्यूआई 322, गाजियाबाद में 246, ग्रेटर नोएडा में 354, गुरुग्राम में 255 और नोएडा में 304 एक्यूआई दर्ज किया गया. विभाग के अनुसार 0-50 के बीच एक सूचकांक को ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.