Delhi Pollution: दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने बुधवार (8 नवंबर) को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए खुले में कूड़ा जलाना, निर्माण और विध्वंस कार्यों का मलबा डालना और रेस्तरां में तंदूरों का उपयोग काफी हद तक जिम्मेदार है. ओबेरॉय ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने इन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है और इसका उल्लंघन करने वालों पर लगाए गए जुर्माने के तहत सात दिनों में लगभग 1.51 करोड़ रुपये वसूले हैं.
ओबेरॉय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हमने खुले में कूड़ा जलाने और मलबा डालने पर नजर रखने के लिए विशेष दल तैनात किये हैं, ऐसी गतिविधियों पर बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया है. ये गतिविधियां दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली हैं.’’ राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए एमसीडी ने 517 निगरानी दल तैनात किये हैं. इन दलों ने सात दिनों में खुले में कचरा जलाने के लिए 297 चालान और मलबा डालने के लिए 622 चालान किए हैं.
खुले में कचरा जलाने पर जुर्माना
खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए 175 दलों को दिन की निगरानी के लिए और 124 दलों को रात की निगरानी के लिए तैनात किया गया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, नगर निकाय ने खुले में कचरा जलाने के लिए जुर्माने के तौर पर 14.85 लाख रुपये और मलबा डालने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों से 1.37 करोड़ रुपये वसूले हैं. वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास में एमसीडी ने रेस्तरां से 676 तंदूर भी हटा दिए हैं.
प्रदूषण के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाई
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘प्रदूषण के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाई के तहत, 1 नवंबर 2023 से 7 नवंबर 2023 के दौरान खुले में आग जलाने के 297 चालान के तहत 14.85 लाख रुपये का जुर्माना और मलबा डालने के लिए 622 चालान के तहत 1.37 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.' इस बीच दिल्ली यातायात पुलिस ने बिना पीयूसी प्रमाणपत्र (प्रदूषण के नियंत्रण में होने का प्रमाणपत्र) के गाड़ी चलाने के मामले में एक दिन में 1,300 से अधिक चालान जारी किए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
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