Delhi Air Pollution: पराली जलाने के मौसम की शुरूआत के साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से खराब होने लगी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 154 (मध्यम) दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई गुरुवार को 141 (मध्यम) और बुधवार को 118 (मध्यम) दर्ज किया गया था. 432 एक्यूआई के साथ, आनंद विहार में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में थी, जबकि आईटीओ ने 232 की एक्यूआई दर्ज की, जो खराब श्रेणी में आती है.
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 15 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की. केजरीवाल ने कहा, सर्दियों का आगमन तय है, और हम अक्सर देखते हैं कि सर्दियों के आने पर प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. दिल्ली सरकार ने कई एजेंसियों के परामर्श से शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कमर कस ली है.
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पीयूसी नीति को लागू करने की जांच के लिए करीब 380 टीमों का गठन - केजरीवाल
उन्होंने कहा कि, पराली जलाने से होने वाला वायु प्रदूषण सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है. केजरीवाल ने कहा, पूसा संस्थान द्वारा तैयार बायो डीकंपोजर किसानों को मुफ्त में दिया जाएगा. दूसरा, 6 अक्टूबर को धूल विरोधी अभियान चलाया जाएगा. साथ ही 586 टीमों द्वारा सक्रिय निगरानी की जाएगी.
केजरीवाल ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण के लिए पीयूसी नीति को लागू करने की जांच के लिए करीब 380 टीमों का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा. सीएम ने कहा था कि Delhi के 2 करोड़ लोगों ने AAP सरकार के साथ मिलकर प्रदूषण से निज़ात पाने के लिए कई उपाय किये हैं. इसी का नतीजा है कि केंद्र सरकार की NCAP की रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 के मुक़ाबले 2021-22 में एयर पॉल्यूशन में काफ़ी सुधार हुआ है. पीएम 10 लेवल 18.6% नीचे आया है.
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