Delhi-NCR News: दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने हाल ही में बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप (GRAP) का दूसरा चरण लागू किया था. इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया. इसके बाद सोमवार को एक बैठक बुलाई गई है. इसको लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने बताया कि ग्रैप का दूसरा चरण लागू किया गया है, जिसके लिए सबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है.
वहीं बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में ग्रैप का तीसरा चरण भी लागू किया जा सकता है. इस मौके पर हम आपको बताते हैं कि क्या है ग्रैप, ग्रैप को कितने चरणों में बांटा गया है, इसके तहत किन नियमों का पालन किया जाता है और क्या प्रतिबंध लगाए जाते हैं?
क्या है ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप इमरजेंसी उपायों का एक समूह है. यह दिल्ली-एनसीआर में तय सीमा तक पहुंचने के बाद एयर क्वालिटी में गिरावट को रोकने के लिए लागू किया जाता है. इसका मतलब है कि ग्रैप वास्तव में प्रदूषण की वजह से हवा की गुणवत्ता में और गिरावट रोकने के लिए अपनाए जाने वाले आपातकालीन उपायों का एक ढांचा है.
कब लागू किए जाते हैं ग्रैप के चरण?
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर ग्रैप को चार चरणों में बांटा गया है. पहला चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 यानी ‘खराब’ होने पर लागू किया जाता है. दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है.
ग्रैप के किस चरण में क्या हैं नियम?
- पहले चरण का ग्रैप लागू करते समय 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के उन भूखंड पर निर्माण और तोड़फोड़ परियोजनाओं पर काम रोकने का आदेश दिया जाता है जो धूल रोकने के उपायों की निगरानी से संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत नहीं होते हैं. इसके अलावा पहले चरण में दिल्ली के 300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और ताप ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है और होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है. निर्माण और तोड़फोड़ वाले स्थलों से निकलने वाली धूल पर काबू पाने के लिए दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी पहले चरण के तहत आता है.
- दूसरे चरण के तहत उठाए जाने वाले कदमों में व्यक्तिगत वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से पार्किंग शुल्क बढ़ाना और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है.
- तीसरे चरण के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन वाले और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रावधान है.
- वहीं चौथे चरण में सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी और निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने के बारे में निर्णय लेने के लिए भी अधिकृत हैं.
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