Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण पर पॉलिटिक्स शुरू, बीजेपी-कांग्रेस ने पटाखे पर बैन को बताया असफल
Delhi Air Pollution: दिल्ली सरकार ने पिछले दो साल की तरह इस बार भी सितंबर में दीपावली सहित सभी अवसरों पर हर तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर एक जनवरी 2023 तक के लिए रोक लगा दी थी.
Delhi Air Pollution: दिल्ली (Delhi) में विपक्षी दलों बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दीपावली के दिन पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के क्रियान्वयन में असफल रही है. बीजेपी के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा (Tajinder Pal Singh Bagga) ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिसमें लोग पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए दिख रहे हैं.
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने हैशटैग 'धुआं हुआ केजरीवाल' के साथ ट्विटर पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें एक लड़का और कुछ लोग पटाखा फोड़ते हुए दिख रहे हैं. वहीं बीजेपी ने आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार को स्वीकार कर लेना चाहिए कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करने में असफल रही है. दिल्ली प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने दावा किया कि दीपावाली के त्योहार के बाद मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया है.
हरीश खुराना का दावा- 'गंभीर' श्रेणी में रहा एक्यूआई
पटाखों पर रोक लगाने के नतीजों को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल से सवाल करते हुए हरीश खुराना ने दावा किया कि पिछले साल की तरह ही इस साल भी एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज हुआ है. हरीश खुराना ने ट्वीट कर कहा, "अरविंद केजरीवाल दीपावाली पर पटाखों पर रोक लगाकर आपको क्या मिला? पिछले साल दिवाली के अगले दिन एक्यूआई 444 था और आज 425 है, तब भी खतरनाक श्रेणी में था और आज भी, स्वीकार कर लीजिए कि आप दिल्ली में प्रदूषण रोकने में ‘असफल’ हुए हैं."
एक जनवरी 2023 तक के लिए है रोक
गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी ने दिवाली के अवसर पर पटाखों पर पूरी तरह से रोक को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा था और अरविंद केजरीवाल की सरकार को हिंदू विरोधी करार दिया था. दिल्ली सरकार ने पिछले दो साल की तरह इस बार भी सितंबर में दीपावली सहित सभी अवसरों पर हर तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर एक जनवरी 2023 तक के लिए रोक लगा दी थी.
कांग्रेस ने भी साधा आप पर निशाना
दूसरी तरफ कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि शहर में हवा की गुणवत्ता खराब दर्ज की गई, क्योंकि केजरीवाल सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की. पटाखों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध की घोषणा की गई थी, इसके बावजूद इन्हें कालाबाजारी कर बेचा गया. कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी.
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गोपाल राय बोले- प्रदूषण में आई 30 प्रतिशत की कमी
इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को दावा किया कि राजधानी में दीपावली पर पिछले साल की तुलना में इस बार प्रदूषण में 30 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि शहर में दीपावली के अगले दिन वायु गुणवत्ता पांच साल बाद सबसे ठीक रही. गोपाल राय ने कहा कि मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 323 रहा, जबकि पिछले साल यह 462 था.
2015 के बाद पहली बार एक्यूआई कम हुआ रिकॉर्ड
वहीं पूर्वानुमान एजेंसी के मुताबिक दिल्ली में दीपावली की अगली सुबह वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रिकॉर्ड हुआ. तुलनात्मक रूप से पहले के सालों के मुकाबले बेहतर रही, क्योंकि अनुकूल मौसमी परिस्थितियों की वजह से पटाखों के असर को कम करने में मदद मिली. एजेंसियों के मुताबिक साल 2015 के बाद से पहली बार दिवाली के अगले दिन यानी मंगलवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर रही.
मंगलवार सुबह 326 दर्ज हुआ था एक्यूआई
एजेंसियों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार रात को एक्यूआई 310 दर्ज किया गया और मंगलवार सुबह छह बजे यह बढ़कर 326 हो गया और नौ बजे तक यह स्थिर रहा, उसके बाद इसमें कमी आने लगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार यह शाम चार बजकर 10 मिनट पर घटकर 310 पर पहुंच गया.
दीपावली के दिन सात साल में पहली बार सबसे अच्छी रही हवा
सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली में पिछले साल दीपावली के दिन एक्यूआई 382 दर्ज किया गया था, जबकि साल 2020 में 414, 2019 में 337, 2017 में 319 और 2016 में 431 एक्यूआई दर्ज किया गया था. दिल्ली में सोमवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत एक्यूआई 312 दर्ज किया गया, जो पिछले सात साल में दीपावली के दिन दूसरी सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता थी. इससे पहले साल 2018 में दीपावली के दिन एक्यूआई 281 दर्ज किया गया था. आपको बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 200 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब' और 401 से 500 को 'गंभीर' माना जाता है.