Delhi News: दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा दिल्ली सरकार प्रदूषण कंट्रोल पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और खासकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के लिए प्रदूषण केवल खबरों में बने रहने का विषय है. पंजाब में जलने वाली पराली और दिल्ली की बदहाल सड़कें प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं. उनकी सोच सनातन धर्म विरोधी है, इसलिए वो प्रदूषण बढ़ने का दोष दिवाली के पटाखों पर मढ़ रहें हैं. 


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, "पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्लीवालों के सामने अगले 15 दिन में प्रदूषण कम करने के लिए पांच करणीय कार्य रखे हैं. हालांकि, उनमें से केवल एक पराली जलने पर रोक ही प्रदूषण कम करने में प्रभावी हो सकता है, लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्री ने उस पर कोई बात नहीं कही. आईएआरआई के आंकड़े हो या सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न राज्यों से आने वाले आंकड़े सभी से साफ है कि उत्तर भारत खासकर दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुख्य कारक पंजाब में जलने वाली पराली है और दिल्ली की बदहाल सड़कों की धूल है."


गोपाल राय अपनी सरकार को बचा रहे- सचदेवा
"हालांकि, इस पर पर्यावरण मंत्री पंजाब से बढ़ते प्रदूषण पर और दिल्ली लोकनिर्माण विभाग की सड़कें ठीक करने की विफलता पर एक शब्द नहीं बोलते, क्योंकि दोनों के लिए आम आदमी पार्टी की पंजाब और दिल्ली की सरकारें जिम्मेदार हैं. यह दुखद है की पर्यावरण मंत्री गोपाल राय हर साल की तरह इस साल फिर अपनी सरकारों को बचाने के लिए प्रदूषण बढ़ने का दोष दिवाली के पटाखों पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि आज तक कोई ऐसा वैज्ञानिक डाटा सामने नहीं आया है जो यह कहे की विंटर प्रदूषण का मुख्य कारक पटाखे हैं."


उन्होंने कहा, "असल में केवल गोपाल राय की सनातन धर्म विरोधी सोच पटाखों पर प्रतिबंध के लिए जिम्मेदार है. प्रदूषण बढ़ाने में वाहन प्रदूषण से कहीं अधिक दोषी दिल्ली की बदहाल सड़कें हैं, काश गोपाल राय रोड लाइट आन इंजन ऑफ जैसे इवेंटों पर जनधन बर्बाद करने की जगह बदहाल सड़कों पर ध्यान देते. दिल्लीवालों पर सार्वजनिक परिवहन के प्रयोग का दबाव बनाने से पहले और पार्किंग शुल्क बढ़वाने से पहले गोपाल राय को दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को देखना चाहिए था." 


कांग्रेस ने भी बोला हमला
वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, "राजधानी में प्रदूषण से लोगों का स्वास्थ्य गंभीर रुप से प्रभावित हो रहा है, लेकिन आप और बीजेपी दिल्लीवालों की चिंता छोड़ अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए सत्ता की लड़ाई में व्यस्त हैं. दीपवाली से पहले प्रदूषण का रुप पिछले सालों में इतना गंभीर कभी नहीं हुआ था. इस साल आप अरविंद केजरीवाल को जेल से छुड़ाने में पूरे छह महीने व्यस्त रहीं, जिससे प्रदूषण नियंत्रण करने की तरफ ध्यान ही नहीं दे सकी."


देवेन्द्र यादव ने कहा, "राजधानी में प्रदूषण खतरनाक 352 एक्यूआई जैसे गंभीर आंकड़ों को छू रहा है. आतिशी सरकार की प्रदूषण नियंत्रण पर विफलताओं के कारण दिल्लीवासी आंखों की बीमारी और जहरीली हवा में सांस लेने में हो रही परेशानी के कारण घरों में रहने को मजबूर हैं. दिल्ली सरकार द्वारा लागू विंटर एक्शन प्लान और ग्रेप-2 के लागू होने के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण करने में सरकार नाकाम साबित हुई है."


"मुख्यमंत्री, पर्यावरण मंत्री फोटो शूट करवाकर चले जाते हैं, प्रदूषण रोकथाम के लिए बस इतना ही सरकार कर रही है. कल पीडब्लूडी विभाग ने सड़क और गड्डों के टूट और बदहाल हालत का ब्यौरा देकर प्रदूषण में सहायक सड़कों से उड़ रही धूल की भागीदारी को उजागर किया था. जबकि मुख्यमंत्री कहती हैं कि पीडब्लूडी की टीमें प्रदूषण रोकने के लिए काम कर रही है. सरकार और विभागों में यह मतदभेद क्यों?"


देवेन्द्र यादव ने कहा कि "प्रदूषण का स्तर बढ़ने में मौसम विभाग की चेतावनी का असर केन्द्र और दिल्ली सरकार पर पड़ने वाला नहीं है, क्योंकि एक बार फिर गैस चैंबर बन रही दिल्ली को केन्द्र और दिल्ली सरकार ने पूरी तरह बेसहारा छोड़ दिया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि 31 अक्टूबर को एक्यूआई 400 के पार पहुंच जाएगा, लेकिन वास्तविकता से दूर गोपाल राय और आतिशी अपने दम पर कुछ करने की बजाय पड़ोसी राज्यों पर आरोप लगा रहे हैं. साथ ही कृत्रिम बारिश के लिए केन्द्र सरकार के भरोसे बैठे हैं, फिर चाहे जनता को कितना भी नुकसान हो."



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