Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता पर गठित केंद्र की समिति ने सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए एक संशोधित योजना जारी की है. इसके तहत संबंधित राज्यों से वायु गुणवत्ता खराब होने पर सख्त उपाय लागू करने को कहा गया है और गंभीर वायु प्रदूषण वाले दिनों में स्कूलों के लिए 'हाइब्रिड लर्निंग' को अनिवार्य कर दिया गया है. मौसम की प्रतिकूल स्थिति के कारण खराब वायु गुणवत्ता की स्थिति आमतौर पर सर्दियों के मौसम के दौरान नवंबर से जनवरी तक रहती है.
इस दौरान, दिल्ली में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के तहत अक्सर प्रतिबंध लागू किए जाते हैं. इसके तहत वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गों में बांटा गया है. पहला चरण, एक्यूआई 201 और 300 (खराब श्रेणी) के बीच होने पर लागू किया जाता है जबकि दूसरा चरण एक्यूआई 301 और 400 (बहुत खराब) के बीच, तीसरा चरण एक्यू 401 और 450 (गंभीर श्रेणी) के बीच, और चौथा चरण एक्यूआई 450 से ऊपर (अति गंभीर) होने पर लागू किया जाता है.
दिल्ली आने वाले वाहनों पर लगेगा प्रतिबंध
संशोधित योजना के अनुसार, अब दूसरे चरण में ही एनसीआर से आने वाली अंतरराज्यीय बसों को, इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी या बीएस-6 डीजल चालित बसों को छोड़कर, दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. इससे पहले तीसरे चरण में इस प्रावधान को लागू किया जाता था. संशोधित योजना के तहत आरडब्ल्यूए को सर्दियों के दौरान सॉलिड वेस्ट को खुले में जलाने से रोकने के लिए सुरक्षा कर्मियों के अलावा सफाई, बागवानी और दूसरी सेवाओं में शामिल कर्मियों को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराने होंगे.
दिव्यांगों को दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में, तीसरे चरण के तहत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाहनों पर लगाए गए प्रतिबंधों से ढील दी गई है. दिल्ली सरकार को जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत शहर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को छोड़कर, बीएस-4 या पुराने मानकों वाले मध्यम आकार के डीजल माल ढुलाई वाहनों (एमजीवी) पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है.
स्कूल और कॉलेज में हाइब्रिड मोड की सुविधा
इसी प्रकार, दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले डीजल चालित हल्के कमर्शियल गाड़ियों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. पहले, ऐसे प्रतिबंध केवल बीएस-3 वाहनों पर ही लागू थे. समिति ने यह भी निर्देश दिया है कि दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के स्कूल और कॉलेज तीसरे चरण में ही पांचवीं तक की कक्षाओं का संचालन हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) में करेंगे. छात्रों और अभिभावकों के पास जहां भी ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध होगी, उसे चुनने का विकल्प होगा. जीआरएपी का चौथा चरण तब लागू किया जाता है जब एक्यूआई 450 का आंकड़ा पार कर जाता है, दिल्ली और एनसीआर जिलों के विद्यालयों में छठी कक्षा से नौवीं कक्षा और ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए 'हाइब्रिड मोड' में कक्षाएं संचालित करने होंगे.
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