Delhi Air pollution News:  नये साल के अवसर पर दिल्ली एनसीआर में रहने वालों के लिए राहत देने वाली खबर सामने आई है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने इस बात का खुलासा किया है कि साल 2022 में पिछले पांच वर्षों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल औसतन सबसे कम दर्ज किया गया. सीएक्यूएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि साल 2022 में पीएम 10 और पीएम 2.5 की सघनता दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी गतिविधियों के साथ 2021 में दर्ज आंकड़े की तुलना में कम रही.


दिल्ली में पीएम 10 और पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 211 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और 98 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई. 2020 के बाद यह आंकड़ा सबसे कम है. औसत पीएम 10 और पीएम 2.5 की सांद्रता क्रमशः 181 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 95 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी. दिल्ली का पीएम 2.5 का स्तर 2021 में 628 घंटों की तुलना में 2022 में 204 घंटे गंभीर श्रेणी में रहा.


2022 में बहुत कम दर्ज किया गया एक्यूआई
एक्यूआई केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने कहा कि औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 2022 में 1,096 घंटे के लिए 200 अंक से नीचे दर्ज किया गया, जबकि 2021 में यह 827 घंटे था. वर्ष 2022 में दिल्ली में जनवरी (279), फरवरी (225) और दिसंबर (319) के महीनों में सबसे कम औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) और जुलाई (87), अक्टूबर (210) और नवंबर (320) के महीनों में दूसरा सबसे कम देखा.बताया गया है कि दिल्ली में 2020 को छोड़कर कोरोना महामारी की वजह से लोगों की गतिविधियों कम होना प्रमुख कारणों में से एक रहा. 


पीएम 2.5 और पीएम 10 क्या होता है?
सेंट्रल फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के पर्यावरणविद विवेक चट्टोपाध्याय ने एबीपी न्यूज को बताया कि पीएम का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर, जो हवा के अंदर मौजूद सूक्ष्म कणों को मापते हैं. 2.5 और 10 हवा में मौजूद कणों के आकार को दर्शातें है. यानि कि पार्टिकुलेट मैटर (PM) का आंकड़ा जितना कम होगा, हवा में मौजूद कण उतने ही छोटे होते हैं.


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